भाग ७२

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थोड़ा सा फ्लैशबैक

चीनू के भाई, मेरी बड़ी मौसी के लड़के की शादी,... क्या खूब मस्ती हुयी थी , क्या क्या नहीं हुआ ( सिवाय 'उसको' छोड़ के ),

मैं उस समय तक इनके मायके में ही थी और अपने जॉब पर चले गए थे, मैंने बहुत कहा पर जेठानी मेरी, नहीं नहीं कुछ दिन तो ससुराल में रहो,... मन इनका भी बहुत कर रहा था पर अपनी भाभी के आगे एकदम भीगी बिल्ली बन जाते थे, उन्होंने बचपन से सीखा था , ' सेक्स बुरा है ' ' पत्नी के बारे में बड़ों से बात करना बुरा है' ,... रात में कमरे में तो मेरी बात करते लेकिन दिन में अपनी भाभी के आगे, ... और उनके जाने के बाद तो और घुटन, सुबह से रात तक,... न कोई बात करने वाला,... और जेठानी खुद तो बोलती हीं, मेरी सास को चढाती, वही सिंगल प्वाइंट प्रोग्राम , मेरी मम्मी की बुराई,... और ये सब क्यों था बाद में पता चला,... खैर मैं अपनी सास को पटा के कुछ दिन के लिए मम्मी के पास,... और वहीँ पता चला की चीनू के भाई की शादी हो रही है तो , ... कमल जीजू से मेरी मुलाक़ात उनकी शादी में ही हो गयी थी और जीजू साली वाली पक्की दोस्ती भी ,बताया तो था सब आपको,...

रीनू की शादी में मैं नहीं जा पायी थी , .. वही जेठानी का चक्कर, उनके किसी दूर के रिश्तेदार, एक कोई भाई लगते थे उसकी कोई बहन लगती थी , उसकी शादी में जेठानी जी का जाना बहुत जरूरी था , इसलिए,...

और जैसे मैं ही पहुंची चीनू के यहाँ, ... जबरदस्त स्वागत, गारियों से , छन्दा भाभी , चीनू की एक नाउन की बहु थी बसंती , चीनू की शादी में एकदम मेरे पीछे लेकिन बारातियों के सामने खूब उसने 'असली ' वाली गारियाँ , और भी रिश्ते की आधी दर्जन से ऊपर भाभियाँ , चीनू की शादी में सबसे अच्छी तरह ननद भाभी का रिश्ता कायम हो गया था ,

" ननदी रानी का स्वागत करते बारम्बार , ननदी रानी क्यों हैं मुंह लटकाएं

यार नहीं मिले क्या दो चार,... "

छन्दा भाभी ने कस के मुझे बाहों में भीचा और आँचल के अंदर हाथ डाल के सीधे मेरे उभारों को दबाते मसलते बोलीं ,

" अरे मायके आयी हैं यारों की कौन कमी , कित्ते बचपन के यार होंगे कितने नए जवान हो गए होंगे "

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