भाग ७४

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एडिटेड,...सेंसर्ड ,... कट कट कट

मुझे पता नहीं उनकी मीटिंग दस मिनट में खतम हुयी या कितनी देर चली ,

और उससे भी बड़ी बात , ' उनके साथ' कुछ हुआ क्या ,...

आप में से कुछ लोगों ने कहानी का मूल रूप पढ़ा होगा और उन्हें अंदाज भी था की ' यहाँ क्या होना था '

पर रूल्स आर रूल्स , इसलिए कुछ पार्ट्स पहले मैंने कुछ जोड़ा और कहानी की धारा थोड़ी मोड़ी ,

मेरा यह मानना है की हम किसी चाहे हाउसिंग सोसायटी में रहें , आफिस में काम करें , समाज में रहे या फोरम में रहे हमें उसके नियम को शब्दशः और उसकी भावना के अनुरूप मानना चाहिए , और हमें वह नियम पसंद है , मान्य हैं तभी तो हम वहां स्वैछिक रूप से हैं इसलिए कुछ भाग मैं पाठक पाठिकाओं की कल्पना पर छोड़ती हूँ , हाँ बाद में हो सकता है कभी फ्लैश बैक में कुछ जिक्र आ जाए , ... लेकिन

कहानी के मूल रूप का एक भाग यहां सम्पादित है परन्तु इससे कहानी की मूल धारा में , रस में स्वाद में कोई फरक नहीं पड़ेगा इसकी गारंटी ,...

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