घर वापसी
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घर पहुँच के उन्हें लगा
जल्द से जल्द काम निपटा लें , सब के आने के पहले ,..
काम बहुत पड़ा था।
डस्टिंग ,क्लीनिंग और सुबह के काम की तैयारी ,
देह चूर चूर हो रही थी ,ऐसा मजा कभी नहीं आया जो जो हुआ ,जो जो उन दोनों ने मिल के कराया ,
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इत्ती फैंटेसी थी उनकी ,
ब्ल्यू फिल्मे ,नेट की साइट्स ,
न कभी पढ़ी न कभी सोची
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किसी तरह सब बातें भूलाने की कोशिश करते उन्होंने अपना काम शुरू किया ,
डस्टिंग ,झाड़ू लगाना ,बिस्तर
और जब वो टॉयलेट क्लीन कर रहे थे , मॉम का , एकदम चमकता होना चाहिए मालुम था उन्हें ,
जैसे कोई जबरदस्ती दरवाजा खोल के चला आये , बस कल रात की यादें धड़धड़ा कर घुस जाएँ
चार बार झड़े थे वो लेकिन वो गीता के साथ ,पहली बार
बादल कम हो चुके थे , भोर दस्तक दे रही थी लेकिन रात भी अलसा रही थी ,जाने को।
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मस्त हवा चल रही थी , वो थोड़े थके लेकिन खूँटा खूब तन्नाया ,भूखा
और मंजू बाई के बड़े बड़े खूब भारी चूतड़ उनके चेहरे के ठीक ऊपर
गीता ने उन्हें चिढाते हुए अपने तगड़े हाथों से नीचे का पिछवाड़े का छेद खोलते हुए ,हंस के बोला ,
" भैय्या , माँ के पिछवाड़े का स्वाद तो तूने ले ही लिया ,ऊँगली से, जीभ अंदर डाल के , अब ज़रा अंदर का नजारा देख भी लो न। "
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सीधे उनकी आँखों के सामने ,
उनको लग गया क्या होने वाला है ,
खूब बड़ा सा खुला हुआ गांड का छेद
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और उन्होंने अपने होंठ जोर से भींच के बंद कर लिए पर गीता और मंजू बाई की जुगल बंदी के आगे पूरी रात उनकी नहीं चली तो इस समय क्या चलती।
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Joru ka Gulam
Fantasiaशादी के बाद मेरी विदायी , मम्मी मुझे गलें भेंट रही थी और जब बाकी मम्मी नौ नौ आंसू रोती हैं , बेटी को ससुराल में अच्छे से रहने के कायदे ,सास के पैर छूने के बारे में सिखाती हैं वो मेरे कान में बोल रही थीं , ' देख जैसा इसके मायकेवालों ने ट्रेन किया हो...