#शायरी

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खत्म कर देते हैं आंखों का भ्रम ही आज,

आज बड़े अर्से बाद काटों का चुभन सहते हैं,

तेरी बर्बादी में तनिक भी हाथ नही हमारा ,

हम तो सुबह शाम तेरी सलामत की दुआ करते हैं...
                       -अंकित सिंह हर्ष

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