शायरी

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खुदा उन्हें जन्नत बख्से जो दिल तोड़ना जानती हैं,
हमारा क्या हम तो किसी और  दिल में रह लेंगे....

                                  _अंकित सिंह हर्ष

एक दास्ताँ इश्क़जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें