#शायरी

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आज सलीके से उतारूंगा अपने जिस्म से उसकी महक,
रूह से उसके नामो- निशान मिटाऊंगा, धड़कन से कहूंगा दूसरा कोई राग छेड़े,
बहुत हद तक दिल से उसकी यादें मिटाऊंगा...

अब घुटन होती है ख्वाबों में उसके होने पर,
अब हर एक तस्वीर पर पर्दे लगाऊंगा,
उसकी सूरत मै भूल जाऊं बहुत जल्दी से,
बहुत हद तक कब्र में लेट जाऊंगा...

                    -अंकित सिंह हर्ष

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