ख़ुशी, आशा और प्रेम

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एक रोज़ निकली सैर पर,

सैर अपने मन के भीतर।

सोचा था, नज़ारे होंगे स्वर्ग से सुंदर ।

मगर, पंहुच गई शमशान के अंदर।


चलते-चलते आगे बढी ,

एक मोड़ पर एक कब्र मिली ।

नाम लिखा था उसपे ,

"खुशी "।

उस कब्र पर लिख रखा था किसी ने ।

जब ज़िंदा थी तो ढूंढा नहीं,

अब कभी मत आना मुझसे मिलने ।

मैं हर पल थी पास तेरे, मगर नज़रंदाज़ किया तुमने,
 
अब नहीं रही जब पास में, तो फिर क्यों हो ढूंढने निकले?


ख़ुशी से मिली, श्रद्धांजलि दी ,

और आगे बढ़ती गयी।

एक कब्र से पैर टकराया मेरा

कब्र पर लिखा था नाम "आशा"।


कहा मैने-

अँधेरा इतना है छाया घना ,

दिखा ही नहीं मुझे कब्र तेरा ।

माफ़ कर दो मुझको तुम,

मैं थी किसी ख्याल में गुम।

तभी आशा की आई आवाज़ एक,

मैं मरी नहीं थी, तुमने मारा था,

सच को अंदर झांक के देख।

मैं अमर हूं, मगर फिर भी पड़ता है मरना

वाहाँ, जहाँ पसंद नहीं किसी को, मेरा रहना।



मांगी माफी आशा से,

और सफ़र फिर से शुरू हुई।

एक और कब्र मिला सफ़र में,

जिसपे लिखा देखा, "प्रेम" मैंने ।

उसके पास लगा था तख्ता एक,

जिसपे दिखा मुझे कोई लेख ।

"जब होते हैं सब पास तेरे, तो होती नहीं है कद्र,

अब रहो भटकते तुम भी, कब्र से कब्र।

ख़ुशी को तुमने ढूंढा नहीं,

आशा की थी न कद्र कोई ।

और मुझ प्रेम को तो पहचानना ही नहीं ।"



सोचा मैंने-
उम्र ख़ुशी की पंद्रह थी ।

थी आशा की उम्र कुछ बीस।

था प्रेम भी कोई बड़ा नहीं ,

उसकी उम्र थी लिखी एक्कीस।

ऐसा क्या हुआ होगा ?

जो मौत के आगे हारना पड़ा?

मौत की तो यह उम्र नहीं थी,

फिर क्यों मुलाकात उनकी कब्र से हुई?


तभी हुई एक आकाशवाणी,

आवाज़ थी कुछ जानी- पहचानी।

उत्तर दिया उसने कुछ यूँ-

अगर ढूँढा होता खुशी को तुमने,

हर हिस्से, हर कोने में,

तो जाती नहीं वो ज़िंदगी से तेरे।

आशा तो हर बार मिलने आई,

मगर महत्व दिया निराशा को तुमने।

खुश थी तुम निराशा के साथ,

तो चली गई वो, छोड़ दिया प्रसन्न तुम्हें।

प्रेम से तो तुम सौ बार मिली,

मगर हर बार समझा अनजान उसे,

अब चला गया जब, तो क्या काम है उससे?


आवाज थी वह मेरी ही,मेरे ही अंतर्मन की।

जिसको मौका दिया है आज, अपने मन की कहने की।

--------->saniya❤️

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I hope you liked the poetry.  The message I wanted to put was deeper and due to that it led to a long poetry this time. As I'm not that good till now, I needed more words to convey the message.

Thank u for reading.

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Wandering mind❤️Where stories live. Discover now