निशा ने अपनी आँखें बंद कर लीं और धीरे से कराहने लगी।
मैं उसकी गर्दन के आसपास देखने लगा। मुझे याद आया जब पहली बार मैं अपनी बीवी से मिला था शादी के पहले। दोनों यंग थे और बहुत ही उत्सुक थे प्यार करने के लिए। उस वक्त में नहीं जाना था कि लड़कियां अपनी कंसेंट किस तरह से देती है एक लड़के को। वह बिल्कुल बात नहीं करते और अपनी आंखें बंद कर लेती है।
मुझे निशा से वैसे ही सिग्नल मिल रहे थे।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मैं क्या कर रहा हूं। ऐसा लग रहा था कि निशा मुझ पर जादू कर रही है।
मैंने उसे मेज़ के पास खड़ा किया। और मैंने उसकी एक पैर को table के ऊपर रख दिया। निशा कांप रही थी और मेज को कस कर पकड़ रही थी।
मुझे उसे देख कर ऐसा लगा कि उसने मुझे पूरी तरह से सौंप दिया हो।
जब मैं पहुँच कर और कुछ कर पाऊं निशा ने मुझे रोका और पूछा कि क्या हम बेडरूम में जा सकते हैं।
मैंने उसे गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले गया। मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और air conditioner चालू कर दिया।
उसमने अंदर ब्लाउज और पेटीकोट पहनी हुई थी।
मैंने कहा- क्या हम सही कर रहे हैं।
निशा- मैं नहीं जानती । पर मैं इतना सोचना भी नहीं चाहती हूं। बस जो भी हो रहा हो ,होने देते हैं । बाद में सोचते हैं।
मैंने कहा- क्या तुमने सोचा है कि अगर तुम्हारा पति जान गया कि तुम मेरे साथ बिस्तर पर कर चुकी हो तो क्या होगा?
निशा- पिछले 5 मिनट से तुमने मुझे अच्छा महसूस कर दिया है। अभी ऐसा क्यों बोल रहे हो? अभी नहीं रुकना है।
मैंने कहा- पर तुमने ही पहले शुरू किया मुझे गाल पर किस कर के।
निशा- हां तो क्या हुआ?
निशा ने मेरे हाथ पकड़ लिया।
निशा- मुझे मालूम है कि तुम मुझे पाना चाहते हो। अपने आप को रोको मत। चलती हुई पानी को कभी रोकना नहीं है। कभी-कभी प्यार के फिसलन पर गिर जाना ही अच्छा है। और एक शेर को गुफा में रहकर ही गर्मी का सुकून मिलता है। क्या तुम सुकून पाना चाहोगे?
मैंने निशा की आंखों में देखा। उसकी बातों का अर्थ समझ गया।
🌟🌟
मैंरी आंख खुली और घंटी देखी तो शाम के 5:00 बज चुके थे।
मैंने अपने आप को निशा से अलग कर लिया।
मैं उसी अवस्था में बाथरूम चला गया और थोड़ी देर बाद बेडरूम में आया।
मैंने देखा निशा अपनी आंखें अपनी उंगलियों से रगड़ते हुए वह भी उठ गई। उसने अपने ऊपर की चादर निकाल दी।
मैंने कहा- मेरी बीवी 6:00 बजे आने वाली है।
निशाने मुस्कुराया और कहां- तुम बहुत डरते हो।
निशा ने अपने हाथ को अपने सीने पर रख लिया और ऐसा लग रहा था कि वहां सोच रही है कि पिछले 2 घंटे में उसके साथ क्या-क्या हुआ। और सभी चीजों को याद करते हुए वह मुस्कुराइ।
निशा बिस्तर से उठ गए और अपनी पेटिकोट जल्दी से पहन लिया।
निशा- तुम मुझे भूल तो नहीं जाओगे ना?
मैंने उसकी ब्लाउज जमीन से उठाकर उसके हाथ में देते हुए उसकी आंखों में देख कर कहा- कभी नहीं।
और तभी दरवाजे पर घंटी बजती है।
🌟 To be continued🌟
अगर यह कहानी पसंद आया हो तो प्लीज मुझे फाइव स्टार दे और रिव्यू करें।