सुबह के 8 बज गए थे।संगीता जी ने अपनी पोती की जगाने केलिए बोला,"अर्पिता! बेटा ऊठ जाओ सुबह के 8 बज गए हैं, आज मकर संक्रांति की पूजा है भूल गई क्या ,ये लड़की पटा नहीं ससुराल में कैसे चलेगी।"तभी अर्पिता अधी नींद में बोलती है"सोने दो ना दादी ,मुझे अभी नही जागना और हमेशा ससुराल ससुराल क्यों लगाए रखा है,मुझे नहीं जाना ससुराल, मुझ जैसी आलसी लड़की से कौन सादी करेगा?" तभी संगीता जी फिर से केहेती हैं "तुझे जो लड़का मिलेगा ना उसके जैसा कोई ना होगा देख लेना में बोल रही हूं "।"सुबह सुबह इस बुढ़िया की सुरु हो गई" यह बोल के अर्पिता बिस्तर से उठ गई और नहाने चलीगई।
"अर्पिता" पटेल परिवार की बड़ी बेटी ,उम्र 23 साल graduation खतम करके पीजी करा रही है ।उसके परिवार में उसके दादा ,दादी ,मा ,पापा और एक छोटी बहन।उसके दादा उमाशंकर पटेल जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी में बोहुट नाम कमाया है,और उनकी धर्म पत्नी संगीता देवी और इकलौता बेटा सूर्यकांत जिन्होंने अपने पिता की तरह ही बोहुत नाम कमाया है। अब आती है सुमिता सूर्यकांत की पत्नी और उनकी दो बेटियां अर्पिता और आराध्या।अर्पिता दिखने में ज्यादा गोरा नही थी पर सवरा रंग भी नहीं थी और थोड़ी मोटी थी,दिल की साफ और दिमाग से थोड़ी चुलबुली ,सब से मिल जुल कर रहें उसे अच्छा लगता तो था पर ज्यादा लोग देखते ही उसकी होस उड़ जाती थी ,दोस्तों के साथ वक्त गुजारना उसे बोहूत अच्छा लगता था ।अपने दोस्तों को वो सब कुछ बता तो थी ,छोटी से लेकर बड़ी बात तक सब कुछ बता ती थी अपने बारे में ।
अब अर्पिता 23 साल की हो गई है तो उसके दादा दादी बस उसकी सादी की चिंता कर रहे हैं लेकिन अर्पिता और उसके पापा दिनों का कहना है कि सादी से पहले अर्पिता को आत्मनिर्भर होना चाहिए । अब तक अर्पिता की कई दोस्तों की सादी हो गई थी अब जब उसे कोई पूछता है कि "तू कब सादी करेगी ?"तो वो केहेति है "जब मेरा राज कुमार घोड़े पर बैठ कर आएगा तब सादी करूंगी"।उसकी बात सुनकर सब हस् ते थे यही सोच कर कि अब उसके सपनों का राज कुमार कौन हो सकता है?जो घोड़े पे बैठ कर आए आऊर अर्पिता को ले जाए।
अर्पिता के सपनों का राज कुमार के बारे मैं जान ने केलिए अग्ला भाग पढ़े।