पिछले पार्ट में पढ़ा था कि अर्पित को भी अर्पिता से प्यार हो जाता है।लेकिन वो समझ नहीं पाता कि वो उसे कहेगा या नहीं अर्पिता की हालत भी बिल्कुल ऐसी ही है ।अब आगे;-
अर्पित सोचता है कि कैसे उसे प्यार हो गया और उसे खबर तक नहीं हुआ।अब वो कैसे कहेगा अर्पिता से कि उसे उस से प्यार है।क्या अर्पिता मानेगी ? उसने सोचा की एक बार वो try कर ले उसके बाद जो होगा देख जाएगा।तभी उसके मन में फिर से वही बात आती है कि अर्पिता उसके लायक नहीं।ये सब सोचते सोचते उसे कुछ दिनों तक रात को ठीक से नींद नहीं आ रहा था।एक दिन उसने प्रणय से सारी बाते बता दी ।प्रणय ने उस कहा की क्यों ना वो जब दीवाली की छुट्टियों में जाए तब अर्पिता को बता दे। उसके बाद जो होगा देखा जाएगा और वो उसके लायक नहीं ये बात सोचना छोड़ देने को कहा।अर्पित ने भी यही सही समझा ।वो दीवाली की छुट्टियों का इंतज़ार कर रहा था।एक दिन अर्पिता ने उसे phone किया और बात करते हुए यूं ही पूछ लिया,"अच्छा अर्पित ,आपको मेने जाते वक़्त कहा था ना कि अपने लिए एक अच्छी लड़की ढूंढ लेना ,उसका क्या हुआ?" अर्पित ने मुस्कुरा ते हुए कहा ,"हां मिल गई है एक लड़की।" अर्पिता को थोड़ा jealousy feel हुआ और दुःख भी हुआ लेकिन फिर भी उसने पूछा,"अच्छा कैसी दिखती है वो,क्या करती है ,आप ने पसंद की होगी तो आपकी तरह ही सुन्दर होगी ना?" अर्पित ने चुगली करते हुए कहा ,"इस से तुम्हे क्या लेना देना,और तुमने जो कहा कि में सुन्दर हूं, क्या सच में सुन्दर हूं में?"अर्पिता ने बड़े मुस्कुराते हुए "हां" कहा और फिर से उस लड़की के बारे में पूछा।अर्पित ने भी बड़ी समझ दरी से जवाब दिया,"वो लड़की देखने में बहुत सुंदर है,थोड़ी चूल बुली ज़रूर है ,लेकिन दिल की बहुत अच्छी है।"अर्पिता को अर्पित के मुंह से किसी और केलिए "सुन्दर" सब्द सुन कर बहुत बुरा लग रहा था,लेकिन उसे पता नहीं था कि वो लड़की वो खुद ही है।उसने फिर से अर्पित से कहा,"मुझे उसकी फोटो भेजो और इस नाम बताओ।" अर्पित ने दोनों कर ने से मना कर दिया ,ना ही उसने नाम बताया और ना ही कोई फोटो भेजा ,बस इतना कहा कि वो surprise देगा सबको जब वो दीवाली कि छुट्टियों में आएगा।अर्पिता और भी चीड़ गई और गुस्से से कहा ,"हां हां जितनी सरप्राइज देने है दो,मुझे नहीं बताना है ना तो ठीक है मत बताइए,एक तो मुझे अपनी दोस्त कहते है और दूसरी तरफ ..अपनी दिल कि रानी का नाम नहीं बता रहे हैं 😏।चलिए फोन रखती हूं मुझे काम है।"
अर्पिता को उस लड़की पर जलन होने लगी जिस से अर्पित प्यार करता है,वो बस सोचती रही को वो लड़की कौन हो सकती है,उसने बस सोच नहीं वल्कि अर्पित के facebook और instagram में उसने जितनी भी लड़कियों को follow किया था सबका डिटेल पता करने लगी।आखरी में उसे जो भी मिले उन में से कुछ अर्पित के relative में बेहेन लगती थी ,और बाकी जो भी उसके जो जो दोस्त थे सारे किसी और के साथ relationship में थे सिवाए अर्पिता के 😂😝।सबके बारे में इतना सब कुछ पता कर पाना आसान नहीं था ,लेकिन पता नहीं कैसे अर्पिता जब भी उन लड़कियों मे से कीसिके बारे में पता करना सोचती थी उसे खुद व खुद पता चल ही जाती थी।पता नहीं किस्मत उसके साथ क्या खेल खेल रही है। अर्पित भी ये बात जान कर खूब हो रहा था कि अर्पिता को jealousy ही रही है ।अब उसका रास्ता पूरा साफ है। अर्पित को बस दीवाली की छुट्टियों का इंतज़ार था।लेकिन कहते हैं ना हमेशा हम जो चाहे हमे नहीं मिलता।ऐसा ही हुआ ।अर्पित को छुट्टी नहीं मिला।वो बेचारा दुःखी हो गया।उसके घर में भी सभी दुःखी हो गए और अर्पिता भी।अर्पिता को तो बेसब्री से इंतज़ार था अर्पित का,लेकिन अर्पित को छुट्टी नहीं मिली।
एक दिन अचानक से अर्पित के बॉस ने उसे 10 दिन की छुट्टी दे दी।वो तो पूरा खुश हो गया।अब कोई festival भी नहीं था और ना ही कोई function था घर में , वो चाहता ती छुट्टियां cancel कर देता लेकिन अर्पित ने घर जाने को सोचा अर्पिता को propose कर ने।उसने सोचा कि वो सबको सरप्राइज देगा ।उसने किसीको बिना बताए Mumbai अपने घर आ गया एक दिन सुबह सुबह।उसे देखकर उसकी मा ,बाबा और अनन्या सब खूब हो गए।लेकिन अर्पिता का मन सिर्फ अर्पिता कि और था।वो बस सोच रहा था कि अर्पिता से कैसे मिले । वो बार बार बार बहाने कर के अनन्या को अर्पिता के बारे में पूछा रहा था।अनन्या भी समझ गई सारी बात ,लेकिन हैरान थी कि अर्पित क्यों पूछ रहा है अर्पिता के बारे में।खेर उसे क्या? उसने भी अपने भाई की इच्छा पूरी करने केलिए अर्पिता के घर जाने को सोचा और अर्पित को कहा उसके साथ चलने।अर्पित भी खुश हो गया।दोनों अर्पिता के घर केलिए निकले।
उस तरफ अर्पिता के घर सरोज आ पहुंचा।उसे देख कर अर्पिता के होस उड़ गए।आज सरोज क्यों आया है ,इतने सालो बाद? भले ही अर्पिता अब सरोज से प्यार नहीं करती हो लेकिन एक तरफा ही सही कभी तो करती थी ।उसे देख कर पुरानी बाते याद कर ने लगी ,दुःख तो हुए उसे लेकिन ,अपनी दिल में ही छुपाया उसने उस दर्द को। मन तो कर रहा था कि सरोज से पूछे कि उसने क्यों नहीं समझा उसके प्यार को? पर अब पूछ के कुछ फायदा नहीं था।अब उन दोनों की रास्ते अलग थी।अर्पिता सरोज को drwaing room में ही बैठ ने को कहती है।और पूछती है :- "अच्छा ,तो बताओ कैसे आना हुआ?"
सरोज :- में बस इस तरफ से जा रहता ,सोचा तुम्हे card देता जाऊं।
अर्पिता :- कैसा card?
सरोज :- अरे ! में तो बताना ही भूल गया ,मेरे सादी का card।अगले हप्ते मेरी सादी है Liza से।ई hope कि तुम जरूर आओगी।
अर्पिता को तो बस इतना पता था कि सरोज और liza के बीच कुछ अन बन चल रही है, लेकिन अच्छा है वो दोनो एक हो रहे हैं। अर्पिता लिजा के बारे मैं पूछती है तो सरोज बताता है कि वो पहले नहीं मान रही थी सादी करने केलिए,लेकिन अब उसने हां कहा दिया है।उसे अब सरोज की इस छोटी जॉब से कोई फरक नहीं ,उसकी पढ़ाई खतम हो जाने के बाद वो भी job करेगी ।अर्पिता भी ये बात सुन के खुश होती है।लेकिन कहीं ना कहीं उसके दिल में थोड़ी तो जगह है अभी भी सरोज केलिए।
अर्पिता और सरोज दोनों बैठ कर बाते कर रहे थे तभी अर्पित और अनन्या आ कर पहुंच ते हैं।अर्पिता सरोज से सब का introduction करती है।अर्पिता को सरोज से ऐसे हस हस के बात कर ते देख अर्पित को jealousy हो रहा था।इस बात से अर्पिता अनजान थी ।उसने अर्पित कि ओर ध्यान भी नहीं दिया।अर्पित को इस बात से ज्यादा गुस्सा आ गया और वो वहां से उठ के चला गया अनन्या को बिना साथ लिए ही।अनन्या सब समझ रही थी। सरोज के जाने के बाद अर्पिता अनन्या से अर्पित के बारे में पूछती है,पूछती है कि अर्पित जब आया उसने किसको खबर भी नहीं किया? अनन्या सब बताती है साथ ही सरोज के बारे में पूछती है ।अर्पिता बता ती है कि सरोज कि सादी है अगले week में तो वो card देने आया था।अर्पिता से कुछ देर बात करने के बाद अनन्या घर वापस जाने केलिए अर्पित को फोन करती है ।लेकिन अर्पित मना कर देता है तो अर्पिता खुद अनन्या को छोड़ ने जाती है।जब वो दोनो घर पहुंच ते हैं तो अर्पित drwaing room में बैठा था लेकिन अर्पिता को देख के गुस्से से चला जाता है अपने कमरे में।अर्पिता को फिर से अर्पित कि ये बर्ताव बुरा लगता है।वो भी कुछ न कहके चली जाती है ।
अब आगे देखते हैं कि क्या अर्पित propose करेगा या नहीं?