19 अर्पित को भी प्यार हो ही गया।

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पिछले पार्ट में पढ़ा था कि अर्पिता को धीरे धीरे अर्पित अपना सा लग ने लगा है ,और उसे अर्पित से प्यार हो जाता है।अब वो तो बस अर्पित के रजी होने तक का इंतज़ार कर रही है।अब देखते हैं आगे:-
एक तरफ अर्पिता को एहसाह हो गया है कि उसको अर्पित से प्यार है।उस तरफ अर्पित को भी अर्पिता से बाते करते हुए बहुत अच्छा लगता है।उसे भी अर्पिता को लेकर कुछ कुछ feel हो रहा था ,वो भी सोच रहा था कि कहीं उसे अर्पित से प्यार तो नहीं हो गया फिर सोचता है कि अर्पिता उसके लायक नहीं ,वो दोनो दोस्त ही सही हैं।जब अर्पित अपनी सारी बात उसके एक दोस्त प्रणय को कहता है, तो वो भी यही कहता है कि हां अर्पित को अर्पिता से प्यार हो गया है।फिर अर्पित कहता है कि अर्पिता उसके लायक नहीं ,प्रणय उसे समझता है ," इस दुनिया में अगर सबके अंदर की कमी देखोगे तो सब तुम्हारे लायक नहीं लगेंगे।अगर वो तुम्हारे लायक नहीं तो एक बार अपने बारे में भी सोचो क्या तुम उसके लायक हो।अगर वो तुम्हारे लायक नहीं तो तुम भी उसके लायक नहीं।तो क्यों ना तुम उसे अपनी लायक बनाने की कोशश करो या फिर एडजस्ट हो जाओ उसके हिसाब से हिसाब ।देख अर्पित जब तुझे प्यार हो ही गया है ती इस से दूर नहीं भाग सकता ,तू जितना दूर भाग ना चाहेगा वो तेरे उतने ही करीब आएगी।समझ ले ,अर्पिता को कहा दे की तुझे क्या feel हो रहा है।कहीं ना कहीं मुझे लगता है कि वो मान जाएगी, देर मत कर वर्ना अपने है आंखो के सामने उसे किसी और का होता देखेगा।" अर्पित कुछ नहीं कहता उस वक़्त ,बस सोचता है कि आज से अर्पिता से वो दूर रहेगा, आज से उस के साथ फोन पर भी बात नहीं करेगा।ऐसा सोचते सोचते वो प्रणय को bye कहते हुए अपने room में आ जाता है।तभी अचानक से अर्पिता का फोन आया , अर्पित उस वक़्त बस सोच रहा था कि वो कैसे अर्पिता से दूर जाए।उसने फोन उठाया और hello किया।तभी ही अर्पिता हक जताने जैसा बोली ," अर्पित! कहां थे आप,आज call क्यों नहीं किया?" अर्पिता कि ऐसी हक जताना देख कर अर्पित गुस्सा हो गया और कहा,"तुम क्या समझ ती हो अपने आप को?तुम होती कौन हो कि में तुम्हे हर वक़्त phone करूं?" अर्पिता ने कहा," अच्छा ठीक है ,I am sorry,मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था,वो दरउसल मुझे कहना था...." अर्पित कहता है,"मुझे तुम से कोई बात नहीं करनी ,phone रखो , आइंदा phone मत करना।" ऐसा कह के फोन काट देता है और अर्पिता की पूरी बात तक नहीं सुन ता। अर्पिता को फिर से अर्पित कि यही हरकत बुरा लगता है।वो सोचती है पता नहीं अर्पित क्यों किसी की पूरी बात नहीं सुनता? बड़ा अजीब इनसान है वो तो,अपनी ही बात बोलता है और किसी की नही सुनता।उस तरफ अर्पित भी परेशान था ,वो अर्पिता से दूर जाना तो चाहता था लेकिन उसको बिना ठेस पहुंचाए।लेकिन आज वो अगर ये सब नहीं करता तो..अर्पिता उसके और भी करीब आ जाती । पता नहीं क्यों आज अर्पित के आंखो में आंसू आ गए ये सब सोचते ही।उस तरफ अर्पिता भी रो रही थी अर्पित का ऐसा behave देख के।
अगली सुबह अर्पित जब अपना फोन खोलता है,वो देखता है कि अर्पिता ने facebook में कुछ पोस्ट किया है।उसने देखा अर्पिता ने अनन्या और खुद की एक फोटो post कि है "Happy Birthday Ananya "लिख कर।अर्पित को तो जरा सा भी याद नहीं था कि आज उसकी बहन की birthday है।वो जल्दी से phone करता है अनन्या को और "happy birthday" कहता है और sorry भी कह ता है कि उसने देरी से wish किया। अनन्या से बात करने के बाद अर्पित phone रख के सोचता है कि सायाद अर्पिता ने कल रात यहीं बात उसे याद दिलाने केलिए फोन किया था।अब अर्पित सोच ता है कि अर्पिता से भी फोन कर के उसे भी sorry कह दे,लेकिन अर्पित कि मन में तब ये बात आती है कि उसे अर्पिता से बस दूर जाना है और वो call नहीं करता अर्पिता को ।अर्पित fresh हो के office तो चला गया लेकिन उसका मन आज काम में नहीं था ,उसका मन तो बार बार अर्पिता की ओर जा रहा था।बस वो दिन भर सोच रहा था कि अर्पिता क्या सोच रही होगी।प्रणय से अर्पित कि ये हालत देखी नहीं गई।उसने अर्पित को कहा कि वो घर जाने के बाद एक बार अर्पिता से phone कर के बात कर ले मन हल्का हो जाएगा और भी कहा की वो जितना दूर भागेगा अपने प्यार से ये प्यार उतना ही उस के करीब आएगा।अर्पित भी यही सोचता है कि अर्पिता से एक बार बात कर लेना सही होगा। अर्पित घर पहुंच ते ही अर्पिता को phone लगता है ,जब अर्पिता phone उठा ती है अर्पित बिना रुके कहता जाता है," अर्पिता! I am sorry ,मुझे कल रात ऐसी बर्ताव नहीं करनी चाहिए थी, मुझे पता चल गया है की तुमने अनन्या कि birthday के बारे में बताने केलिए फोन किया था और मेने तो बिना कुछ सुने ही तुम से फिर से ऐसी बर्ताव किया।" अब अर्पिता सुरु हो गई," अर्पित !sorry मुझे कहना चाहिए ,मेने ही आप से पहले ऐसी बात की की आप के जगह जो कोई भी होता गुस्सा हो जाता।I am sorry।" अर्पित को ये बात बहुत अच्छी लगती है । दोनों थोड़ी देर बात करने के बाद phone रख देते हैं ,और एक दूसरे को लेकर अपने अपने खयालों में को खो जाते हैं।अर्पिता सोचती है कि अर्पित कितना अच्छा है ,वो तो बेकार में ही अर्पित को लेकर कितना कुछ सोच रही थी। अब वो और भी खूब ही जाती है अर्पित को लेकर ,लेकिन अर्पित तो उस से प्यार नहीं करता ना। वो सोच रही थी कि अगर वो अर्पित को बताएगी की वो उस से प्यार करती है तो क्या अर्पित रजी होगा ,या फिर कहीं अर्पित गुस्सा हो कर उस से हमेशा केलिए रिश्ता ना तोड़ दे,जो भी कुछ बचा है कहीं वो भी खतम ना हो जाए।वो फैसला लेती है कि वो अर्पित को नहीं बताएगी कि वो उस से कितना प्यार करती है।
उस तरफ अर्पित भी सोच रहा था कि क्या अर्पिता उस के proposal से राजी होगी? अर्पित ने उस से जैसा बर्ताव किया है और अगर अर्पित उसे ये बार भी बता देगा कि के वो उस से कितना प्यार करता है ,कहीं अर्पिता नाराज़ होके सारे रिश्ते मा तोड़ दे।अब अर्पित पछतावा कर रहा है कि अर्पिता के रिश्ते को उसने क्यों माना किया। जो होता देखा जाता। अब दोनों ही इस सोच में पड़ गए है कि एक दूसरे को प्रपोज करे ता नहीं।
आगे देखते हैं कि क्या अर्पित और अर्पिता एक दूसरे को प्रपोज करेंगे?

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