पिछले part में पढ़ा था कि अर्पित और अर्पिता कि सादी का तारीख 14 फरबरी को निकल ता है।और कुछ दिन बाद अर्पित और अर्पिता कि संगीत ,मेंहदी और हल्दी भी खतम हो गई थी।अब आगे: -
आज की सुबह अर्पिता की ज़िन्दगी का एक नई सुबह है। आज एक बड़ा दिन है अर्पिता केलिए।जिस दिन का वो बेसब्री से इंतजार कर रही थी।उसे तो आज भरोसा नहीं हो रहा है कि उसके सपनो का राजकुार अर्पित उस से सादी करने आ रहा है बारात के कर। सुबह सुबह उठ कर अर्पिता अपने फोन में अर्पित की photo देख रही थी और मन ही मन मुस्कुरा रही थी।तभी स्वेता , समीक्षा, आराध्या और रंजीता आ जाते हैं।रंजीता कहती है,"क्यों madam कितने देर अब देखोगी साजन जी का फोटो,अब उनका फोटो देख के मुस्कुराना बंद कर दो ,आज के बाद तो ज़िन्दगी भर उन्हें अपने आंखो के सामने देखोगी अब चलो तैयार होने।" ऐसा कहके अर्पिता को तैयार करने लगते हैं चारो मिलकर।अर्पिता पूरी तरह तैयार हो के बैठी थी।तभी अर्पित का फोन आया । समीक्षा ने फोन उठाया और loud speaker में डाल दिया।अर्पिता कुछ बोलती उसके पहले ही अर्पित ने कहा,"क्या मेरी पगली अभी तक तेयार हुई कि नहीं,अगर हो गई हो तो एक फोटो भेज दो।"अर्पित की बात सुन कर Sweta कहने लगी,"ना ना जीजू अभी बिल्कुल नहीं,अगर अभी दीदी को देख लोगे तो surprise क्या रहेगा।अब तो आप को इंतज़ार कर ना ही होगा।"उसके बाद फोन कर देती है।अर्पिता बेचैनी से कहती है ,"क्या कर दिया तू ने?अगर वो गुस्सा हो गए तो।"Sweta कहती है,"दीदी तू ना overthinking में top है,जीजू कुछ नहीं सोचेंगे ,वो तो आज तुझे देख के फिदा हो जाएंगे और उनका गुस्सा तुझे देखते ही उड़न छू हो जाएगा।"ऐसा कहने के बाद वो चारों अर्पिता की फोन लेके चले जाती हैं।उस तरफ अर्पित भी तैयार हो के बैठा था और अर्पिता को देखने केलिए उसकी आंखे तरस रही थी।
कुछ देर बाद अर्पित बारात लेके आ जाता है।घर के सामने जब अर्पिता बैंड- बाजा सुनती है झट से खिड़की के सामने चली जाती है अर्पित को देखने।लेकिन बेचारी देख नहीं पाती ज्यादा भीड़ कि वजह से। उसे तो बस अर्पित को देखने का इंतजार था।हाए ! कैसा दिख रहा होगा आज उसके सपनों का राजकुमार? कुछ देर बाद अर्पिता को मंडप में जाने का बुलावा आ गया।Sweta ,Samikshya और Ranjita आ कर उसे के गईं।अर्पित ने जब अर्पिता को देखा उसके आंखे अर्पिता पर ही अटक गई।लाल रंग का जोड़ा,लाल रंग का घुंगट और हाथ में लाल मेंहदी , आए हाए! अर्पित की अर्पिता आज सबसे ज्यादा खूब सूरत लग रही थी।अर्पिता ने भी अर्पित को देखा और देखते ही रहा गई।लाल रंग की सरवानी में उसके सपनों का राजकुमार बहुत सुंदर लग रहा था जैसे वो सोच रही थी उस से बहुत ज्यादा ही handsome दिख रहा था अर्पित।अब दोनों के निगाहें एक दूसरे को देख रही थी।मानो ऐसा लग रहा था कि वो दोनो आंखो ही आंखो में बाते करने लग गए हो।तभी पंडित जी साड़ी कि रसम सुरु करते हैं।उसके बाद दोनों सात फेरे लेते हैं। सात बचन में बंध जाते हैं जनम जनम के लिए।उसके बाद दोनों एक दूसरे को बर माला पहनते वक़्त बड़ा मजा आता है।अर्पित जान बुच कर अपनी hieght थोड़ी और बढ़ा देता है और अर्पिता उसे बर माला पहना नहीं पाती और गुस्से से देखती है उसकी तरफ 😝।अर्पित अर्पिता को ज्यादा परेशान ना करके झुक जाता है और अर्पिता उसे खुशी से बर माला पहना देती है।
अर्पित भी पहना देता है। मंगल सूत्र पहनाते वक़्त