पिछले पार्ट में पढ़ा था कि अर्पित किसीको बिना बताए Surprise देते हुए मुंबई वापस आ जाता है।अनन्या के साथ जब अर्पिता के घर जाता है वहां अर्पिता को सरोज के साथ देख के वो जल जाता है।अनन्या ये सब कुछ जान लेती है और बहाने बनाके सरोज के बारे में पूछती है अर्पिता से तो पता चलता है सरोज अपनी सादी का कार्ड देने आया था।उसके बाद जब अर्पिता अनन्या को उसके घर छोड़ ने जाती है अर्पित उसे देख के गुस्से से अपने कमरे में चला जाता है।अब आगे:-
अर्पित ने ऐसा बर्ताव आखिर क्यों किया? इस बार अर्पिता ने तो कुछ भी नहीं कहा था।अब क्या हो गया ?
अर्पिता ऐसा सोचते सोचते घर में पहुंची। एक तरफ अर्पित सोचता है कि सरोज आखिर है कौन ?कहीं अर्पिता और सरोज के बीच कुछ...अगर ऐसा हुआ तो मेरा यहां आना बेकार ..अर्पिता क्या सच में किसी और से प्यार करती है? अगर ये सच निकला तो अर्पित सोच ता है कि वो अर्पिता को अपने दिल से हमेशा हमेशा केलिए भुला देगा।अर्पिता को उसकी ज़िन्दगी में खुशी से रह ने देगा ,लेकिन फिर सोच ता है कि कैसे निकाल पाएगा अर्पिता को अपने दिल से जब दिल ही उसके नाम कर दिया है।अब क्या होगा?आज अर्पित को बहुत दर्द हो रहा है। वो सोच ता है कि खुद अर्पिता से इसके बारे में पूछेगा ।दूसरी तरफ अर्पिता को बार बार अर्पित कि ऐसी बर्ताव परेशान कर रही है।उसे अचानक याद आया कि अर्पित ने कहा था कि उसे एक लड़की पसंद आया है ,कहीं उस लड़की की वजह से ती अर्पित ऐसी बर्ताव कर तो नहीं रहा।अर्पिता भी परेशान थी अर्पित के बारे में सोच सोच कर।
अगली सुबह अर्पित उठ कर नाश्ता करने जाता है ,देखता है मा ने उसके सारे पसंद के कहने बनाए हैं।खाना बहुत अच्छा था लेकिन अर्पित का मन बस अर्पिता में था।अचानक से अर्पिता और उसकी मा आ जाती हैं।उन्हें देख कर सुलोचना जी खुश ही जाती हैं और पूछती हैं कैसे आना हुआ? अर्पिता कि मा सुमिता देवी बताती हैं कि आज उनके घर में पूजा है और अर्पिता का जनम दिन भी है तो वो साम को निमंत्रण करने आई हैं।अर्पित अर्पिता को देख ते ही फिर से अपने कमरे में जा चुका होता है।कुछ देर बाद अनन्या अर्पित के कमरे में आती है और कहती है,"भाई! आज अर्पिता दीदी का birthday है ।अपने उन्हें wish किया क्या?" अर्पित "नहीं"कहता है और नाराज़ हो के कहता है कि उसे अर्पिता कि bithday से कोई लेना देना नहीं है । ये सब सुन के अनन्या से रहा नहीं गया ,उसे पता था कि अर्पित क्यों नाराज़ है अर्पिता से तो उसने बता दिया कि सरोज अर्पिता का एक दोस्त है और उस दिन अपनी सादी का card देने आया था।अर्पित जब ये सुनता है तो अनन्या से पूछता है कि उसे कैसे पता चला अर्पित किस बारे में सोच रहा है।अनन्या कहती है प्यार कस्तूरी की महक की तरह है ,जो हर तरफ अपनी महक फेला ता है।ऐसे ही अर्पित कि हरकत से और उसकी सरोज के ऊपर jealousy ने है बता दिया कि अर्पित कितना चाहता है अर्पिता को।अर्पित ये सब सुन के चुप हो जाता है,उसे फिर से guilty feel होती है लेकिन वो इस बार अर्पिता से sorry नहीं बोलेगा सोच ता है क्यों की अर्पिता अपने दोस्त के साथ इतना busy थी कि उसे अर्पित भी दिखाई नहीं दिया😒।अब अनन्या कहती है कि अर्पिता गई नहीं हैं उसकी मा चली गई हैं और अर्पित को ही उसे छोड़ ने जाना होगा।अर्पित मन ही मन खुश हो जाता है कि उसे अर्पिता के साथ थोड़ा टाइम अकेले बिताने को मिलेगा,और मोका देख के आज ही propose कर लेगा।तभी अर्पिता अचानक से अंदर आ जाती है।आज अर्पिता बहुत सुंदर लग रही थी ।उसने pink colour का सलवार suit पहना था।उसके काले बालों को आज उसने खुला छोड़ दिया था।माथे पे काले रंग की बिंदी लगाई थी उसने और उसके हतों कि चूड़ियों की खनक अर्पित के मन को मदहोश कर रहीं थी ।उसकी आंखे तो मानो आज अर्पित को कुछ कह ना चाहती हो।पर उसके आंखो में कहीं ना कहीं थोड़ा दर्द दिखाई दे रहा था,अर्पित समझ गया कि किस बात से वो दुःखी है।अर्पित ने मुस्कुराते हुए "Happy birthday "कहा । अर्पिता भी मुस्कुराते हुए thank you बोली।अनन्या कहती है,"भाई !आप दीदी को लेकर छोड़ दीजिए ,में भी जा रही हूं ,मुझे थोड़ा काम है।वहां सुलोचना जी सब छुप छुप के सुन रही थी ,वो भी खुश थी की अर्पित अर्पिता को छोड़ ने जा रहा है।बस हैरान थी कि अर्पित बदल कैसे गया ,जो हुआ अच्छा हुआ।
अब अर्पित और अर्पिता निकल ते हैं ।रास्ते में अर्पिता अर्पित से उसके पसंद कि लड़की के बारे में पूछती है क्यों कि अर्पित ने कहा था जब वो लौटेगा तब सब को surprise देगा।लेकिन उसने अभी तक नहीं बताया कि वो लड़की कौन है? अर्पित ने तभी अचानक गाड़ी रोक दी
और अर्पिता से पूछा," तुम जान ना चाहती हो ना कि वो लड़की कौन है? तो चलो मेरे साथ।"कह के उसने अर्पिता को सामने की एक छोटे बगीचे में ले गया , वहां उस वक़्त कोई नहीं था सायाद उस बगीचे का guard भी नहीं था। वहां सिर्फ अर्पित और अर्पिता थे।अर्पित ने अर्पिता का हाथ जोर से पकड़ा और उसे खींच कर बगीचे के अंदर ले जा रहा था।अर्पिता की मन में घबराहट होने लगी की कहीं अर्पित उसके साथ कुछ कर ना दे अगर ऐसा होगा ती वो अर्पित को मार के वहां से भाग जाएगी।लेकिन अचानक अर्पित उसे बगीचे के बीच बली जगह पर ले आया।अर्पिता ने पूछा," कहां है वो लड़की? या फिर आप कुछ गलत तो नहीं करने वाले हैं?" अर्पित ने थोड़ा मुस्कुराया और एक लाल गुलाब ले आया और अर्पिता से पूछा ," गुलाब तुम्हे ज्यादा पसंद है ना?"अर्पिता कुछ समझ नहीं पा रही थी कि क्यों अर्पित उसे पूछ रहा है,उसके मन का दर और भी बढ़ गया।अर्पित ने उसके चेहरे की डर को अच्छी तरह से जान पाया और उसने अर्पिता को कहा,"द डरो मत ,में कुछ नहीं करूंगा बस आज तुम्हे बता दूंगा कि वो लड़की कौन है जिसे में चाहता हूं।तुम्हारी तरह उसे भी गुलाब बहुत ज्यादा पसंद है।" अर्पिता और इंतज़ार नहीं कर सकती थी उसने कहा ,"जल्दी बताइए मुझे घर भी जाना है।"अर्पित धीरे से अपने घुंटनो पर झुंका और वो गुलाब अर्पिता को देते हुए कहा ,"I Love You Arpita ❤️,वो लड़की जिसे में पसंद करता हूं वो कोई और नहीं तुम है हो, मानता हूं मुझे लगता था कि तुम मेरे लायक नहीं लेकिन धीरे धीरे तुमने मेरे दिल में जगह ले ली है ,I hope कि तुम accept करोगी मेरा proposal । मान ता हूं की तुम्हारा दिल दुखाया है मेने और उसके लिए फिर से sorry बोलता हूं।" अर्पित जब ये सब बोल रहा था अर्पिता के आंखो में खुशी के आंसू आ गए थे।अर्पित खड़ा हुआ और पूछा,"अरे ! अर्पिता sorry अगर तुम्हे मेरा ये हरकत बुरा लगा तो ,अच्छा ठीक है अगर तुम नहीं चाहती तो में तुमसे दूर चला जाऊंगा और कभी तुम्हारी ज़िन्दगी में नहीं आऊंगा ,बस तुम रो मत ,में तुम्हारे आंखो में आंसु नहीं देख सकता।" ये सब सुन के अर्पित को हसी आ गई और उसने कहा,"मेने कब कहा कि मुझे बुरा लगा,वॉकी मुझे तो इसी दिन का इंतज़ार था ,और ये आंसू खुशी के आंसू हैं,में तो बस देख रही थी मुझे दर्द होने से आप कितना परेशान हो जाते हैं,मेरे खुशी केलिए मुझे छोड़ ना भी मंजूर है आपको,इस से ज्यादा और क्या चाहिए मुझे।" अर्पित अर्पिता कि ऐसी बात सुन कर कहता है ,"तुम इसी दिन का इंतज़ार कर रही थी मतलब तुम भी मुझसे...."
अर्पिता थोड़ी सर्मा के कहती है,"हां अर्पित!मुझे भी आप से इश्क़ है ❤️ ,I Love you Arpit।"अर्पित के आंखो में भी खुशी के आंसू आ जाते हैं।अर्पिता को वो गुलाब का फूल देता है तो अर्पिता उसे अपनी बालों में लगा लेती है।और जब वो दोनो निकल ते हैं तभी उस बगीचे का gurad आ जाता है ,और उन्हें डांट ता है उस गुलाब कि फूल चुराने की बजह से 😂😜 और फाइन भरने को कहता है।अर्पित फाइन भर ता है और वो दोनों बाहर आ जाते हैं।