पिछले पार्ट में पढ़ा था कि अर्पिता और अर्पित की सगाई हो जाती है और जब उन दोनों को थोड़ी देर अकेले छोड़ दिया जाता है वो अर्पित को कैसे उसका imagination सच हुआ बताती है।अर्पित सारी बाते सुन ने के बाद अर्पिता को सीने से लगा लेता है।अर्पिता जब अर्पित कि धड़कने सुनती है तो उसे महसूस होता है कि अर्पित का दिल उसी केलिए धड़क रहा है ।अब आगे:+
अर्पित और अर्पिता कि बाते खतम होने के बाद वो दोनो नीचे आ जाते हैं और सब से आशीर्वाद लेते हैं।सभी के चेहरे पर खुशी थी सिवाए सूर्यकांत जी के। अर्पिता अब भी परेशान थी कि कैसे समझाए पापा को।खाने पीने के बाद सारे मेहमान चले जाते हैं।उसके बाद अर्पित भी निकल ता है।सभी के जाने के बाद अर्पिता अपने कमरे में अकेली बैठी थी।तभी Sweta और Samikshya आयो।उन दोनों को हमेशा कि तरह अर्पिता अपनी परेशानी बतया।वो दोनों भी समझ जाते हैं।वो दोनों अर्पिता को यही सलाह देते हैं कि अर्पिता कुछ न करे,चुप रहे सब ठीक हो जाएगा और उसके पापा मान जाएंगे।वो दोनों फिर कहती हैं कि अगर अर्पिता अपने पापा को समझने गई तो कहीं उन्हें ऐसा न लगे कि अर्पिता अर्पित की तरफदारी कर रही है और उनके विरोध है ।अर्पिता को भी यही सही लगता है।
अगले दिन Sweta और Samikshya चली जाती हैं साथ ही साथ घर के बाकी सदस्य भी चले जाते हैं एक दिन केलिए किसी रिश्तेदार के यहां पर एक सादी का function attend करने।अर्पिता की तबियत थोड़ी खराब थी।उसे थोड़ा बुखार था और सभी ने कहा था कि वे सब साम तक लौट आएंगे इसीलिए अर्पिता नहीं गई। अचानक से अर्पित आ जाता है अर्पिता के घर।उसे पता नहीं था कि कोई घर में नहीं है। अर्पिता ने उसे बैठ ने को कहा और tea बनाने जा रही थी।तभी उसका सर दुखने लगा और वो वहां सोफे पे ही बैठ गई।अर्पित ने जब उसको पानी ला कर दिया उसने देखा कि अर्पिता को तेज बुखार है ।
अर्पित - अर्पिता!तुम्हे तो तेज बुखार है,तुमने किसी को बताया या नहीं?तुमने medicine खाया या नहीं?कल तक तो ठीक थी ,कब से हुआ बुखार?और घर में सब कहां हैं?
अर्पिता - बताती हूं , पहले आप चुप हो जाइए,घर में कोई नहीं है,सब एक रिश्तेदार के यहां एक सादी attend करने गए हैं और मेरी तबीयत आज सुबह सुबह ही थोड़ी खराब हो गई थी ,इसीलिए में नहीं गई।
अर्पित - और तुमने medicine ली है या नहीं?
अर्पिता - नहीं medicine नहीं मिल रही है।
अर्पित - नहीं मिला मतलब,तुम कभी चीजे ठीक से नहीं रखती ,इसीलिए नहीं मिला ,अच्छा रुको में ला देता हूं बे बाजार से।
ऐसा कहके अर्पित चला जाता है medicine लाने।medicine ला ने के फिर से पूछ ता है
- तुमने कुछ खाया या नहीं?
अर्पिता - नहीं ।
अर्पित - घर में कुछ बना है या नहीं? क्यों की तुम्हे खाना खाने के बाद ही medicine ले ना है।
अर्पिता - हां बना है ,रसोई में है।
अर्पित जल्दी से रसोई में जा कर खाना लेके अता है ,और अर्पिता को खिलता है।अर्पिता भी अर्पित को खाने केलिए कहती है लेकिन अर्पित कहता है कि उसके खाने के बाद वो खा लेगा।अर्पित खाना खाने के बाद अर्पिता को medicine देता है ,और कमरे में उसे आराम करने के गया।तभी अर्पित देखता है कि अर्पिता की सर में बुखार ज्यादा चढ़ गया है और वो चिड़चिड़ा पन महसूस कर रही है।अर्पित ने ठंडे पानी की पट्टी बनाकर अर्पिता के सर में दिया।इस से अर्पिता को थोड़ा आराम मिला। अर्पिता को ऐसी हालत में छोड़ कर जाने को अर्पित का दिल नहीं मान ता था। उसने अर्पिता के पास बैठ कर उसके सिर दबाया, इस से अर्पिता को और भी आराम मिला।आज अर्पिता अर्पित के मन में अपने लिए फिक्र और प्यार दोनों देख पा रही थी।आज अर्पिता ने अर्पित के अंदर मा का प्यार देखा जब वो उसे खाना खीला रहा था, एक बाप का प्यार देखा जब उसने पूछा कि उसने खाना खाया या नहीं और medicine ली है या नहीं, एक भाई का प्यार देखा जब अर्पित दौड़ के गया था medicine लाने,एक बहन का प्यार देखा जब अर्पित ने उसके साथ time spend किए,और एक अच्छा साथी को देखा जब अर्पित उसे इस हालत में छोड़ के नहीं गया, बल्कि उसके पास बैठ कर एक मां की तरह ठंडा पानी की पट्टी उसके सर में दे रहा था।आज अर्पिता ने पूरी तरह अर्पित के प्यार को महसूस किया। अर्पिता ने कभी सोचा नहीं था कि जिस अर्पित ने एक दिन उस से सादी करने से मना कर दिया था आज वही उसका खयाल रख रहा है।उसने सोचा वो बहुत lucky है कि अर्पित का साथ मिला उसेयही प्यार तो हर लड़की चाहती है अपने साथी से।अर्पित और अर्पिता अकेले थे ,अगर अर्पित चाहता तो फायदा उठा सकता था अर्पिता के बीमारी का,लेकिन उसने एक अच्छे साथी की तरह उसका खयाल रखा दिन भर।अर्पित बीच बीच में अर्पिता को पूछ भी रहा था कि सायाद अर्पिता को कुछ चाहिए हो और उसने यहां आने की वजह भी बताई कि कल वो बापास जा रहा है इसीलिए सब से मिल ने आया था।सच में अर्पित ने कभी सोचा ही नहीं था कि अर्पित उसका इतना खयाल रखेगा।अर्पिता सोच रही थी कि अगर आज उसके पापा ये सब देखते तो उन्हें भी पता चल ही जाता कि अर्पित कितना अच्छा है।
देखते देखते पूरा दिन ही बीत गया ।अर्पित के साथ कैसे वक़्त बीत गया पता ही नहीं चला अर्पिता को।अब साम हो गई थी।जब सब वापस ए गए अर्पित ने दरवाजा खोला।अर्पित को देख कर सबको हैरानी हुई कि अर्पित यहां क्या कर रहा है।अर्पिता के पापा के मन में बुरे खयाल आने लगे,और वो सीधे अर्पिता के कमरे में चले गए तो उन्होंने देखा अर्पिता आराम से सो रही थी।बाहर अर्पित सब को अपने आने कि वजह यह बताता है कि कल वो वापस Banglore जा रहा है ,इसीलिए सब से मिल ने आया था ,लेकिन जब उसने देखा अर्पिता की तबीयत खराब है तो वो उसके पास रहा गया।आगे क्या होगा जान ने केलिए पढ़ ते रहिए "अर्पित की अर्पिता"।