पिछले पार्ट में पढ़ा था अर्पिता पहले दिन से ही अर्पिता ने सबका दिल जीत लिया था सारे रस्में अच्छे से नीभके।अब आगे:-
ससुराल में कुछ दिन अच्छे से बीत गए।सारे मेहमान आ कर चले गए,उसके बाद अर्पित कि बुआ आ गई।अर्पित के सादी के वक़्त उनकी तबीयत ठीक नहीं था ,इसीलिए वो तब नहीं आ पाई थीं। उनको देखते ही अर्पिता ने एक अच्छी बहू की तरह उनके पैर छुए,पर बुआ जी तो कभी किसी के अंदर अच्छाई नहीं देख सकती,उन्होंने अर्पिता को देख ते ही उसे घुर ने लग गई और बस उसकी कमियां ढूंढ ने लगी। अर्पिता ने उनकी पसंद के मुताबिक हर कोई काम किया पर उन्हें कुछ अच्छा दिख ही नहीं रहा था।एक दिन अर्पिता ने बड़े अच्छे से खाना बनाया सभी ने तारीफ किया लेकिन बुआ ही के सिवाए।उन्होंने कोई भी खाने की तारीफ नहीं की बल्कि खाने कि बुराई ही किया।दिन व दिन बुआ जी अर्पिता के ऊपर हुकुम चला रही थी, घर में सब ये देख पा ते थे लेकिन बुआ ही को कुछ कह नहीं पाते थे क्यों की अगर उन्हें कोई कुछ कहे तो वो पूरे घर को सर में उठा लेंगी।अर्पिता को बहुत बुरा लगता था। सुलोचना जी ने अर्पित को कहा कि वो जल्दी से अर्पिता को लेके Banglore चला जाए।अर्पित ने अर्पिता को समझाया कि इस बात से वो दुःखी न हो,बुआ जी की आदत ही ऐसी है।अर्पित ने कहा कि और बस 2 दिन बचे हैं उसके बाद वो दोनों सिमला चले जाएंगे उसके बाद Banglore में ही रुक जाएंगे ।अर्पिता को बुआ जी से बचाने का एक ही तरीका है। अगले दिन अर्पित ने सबसे कहा की वो अर्पिता को simla लेके जाएगा और वहीं से वो दोनो बanglore चले जाएंगे।बुआ जी ने पहले मना किया और कहा नई बहू सास- ससुर की सेवा न करके पाती के साथ घूमें तो शोभा नहीं देता है,लेकिन इस बार उनकी नहीं चली,सुलोचना जी ने भी अर्पित को support किया।अगले दिन जब अर्पित और अर्पिता जाने केलिए निकल ते हैं तभी बुआ ही ने तबियत खराब होने का नाटक किया और अर्पिता को अपने पास रोक के रखा।अर्पित और अर्पिता की सिमला जाने की flight miss हो गई।इस बार सुलोचना जी ने भी plan बना के अर्पिता को मायके भेज ने को सोच सिर्फ और सिर्फ नई बहू की बुआ जी के चंगलू से बचाने केलिए।उन्होंने अर्पिता को कहा कि वो बुआ जी को कहे उसकी मा की तबीयत खराब है और मायके चकी जाए।अर्पित ने भी यही ठीक समझा।अर्पिता ने बड़ी मुश्किल से बुआ जी को समझकर मायके चली गई। कुछ दिन बाद एक दिन अचानक से अर्पित के office से एक ज़रूरी meeting केलिए call आया और वो इतनी जल्दी निकल गया Banglore कि वो अर्पिता को बताने को पूरी तरह भूल ही गया।उस दिन अर्पिता दिन भर call करती रही अर्पित को लेकिन उसने फोन ही नहीं उठाया। अर्पिता का दिल बहुत बेचैन हो रहा था।उसने अनन्या को फोन कर के पूछा तो अनन्या ने बताया कि अर्पित चला गया है। अर्पिता को बहुत बुरा लगा।उस तरफ अर्पित जब meeting खतम कर के फोन देखता है तो अर्पिता के ढेर सारे miss calls थे।उसने अर्पिता को फोन लगाया लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ आया।गुस्से से अर्पिता ने स्विच ऑफ कर दिया था।उसी दिन साम को बुआ जी अचानक से किसीको बिना बताए अर्पिता के मायके चली आई । वहां जब उन्होंने अर्पिता की मा को ठीक ठाक देखा तो अर्पिता को जबरदस्ती अपने साथ ले गई। सुलोचना जी ये देख के हैरान रह गई।बुआ जी ने सबको कहा कि अर्पिता झूट बोल कर मायके चली गई थी और उन्होंने पूरे घर को सर पे उठा लिया।अर्पिता को ये सब देख के बहुत बुरा लगा और वो कमरे में जाके रो ने लगी।कुछ देर बाद बुआ जी ने फिर से हुकुम दे दिया खाना बनाने को।अर्पिता ने का के खाना बनाया ,लेकिन बुआ जी ने फिर से सुरु कर दी अपनी नाटक।उन्होंने खाने कि बुराई कि।आज का दिन अर्पिता केलिए बहुत बुरा गया।अर्पिता सो ते वक़्त सोच रही थी कि अर्पित ने उसे झूट कहा कि वो उसका साथ हर हाल में देगा ,लेकिन आज जब उसकी जरूरत सबसे ज्यादा है वो ही नहीं है उसके पास।
अगले दिन सुबह सुबह अर्पिता ने देखा कि अर्पित के miss call आए हैं,लेकिन उसने फोन नहीं उठाया जन बुच कर और नाश्ता बनाने चली गई।नाश्ता खाने के बाद बुआ जी ने फिर से अर्पिता के ऊपर इल्जाम लगाया कि वो झूट कहके मायके चली गई।ये बात सुनकर सुलोचना जी ने सच कहा दिया को उन्होंने है उनसे जी से अर्पिता को बचाने केलिए ये सब किया था।जब ये बात बुआ जी को पता चला उन्होंने सास बहू दोनों को ढेर सारा गली किया और अपना bag लेके घर से निकल ने का नाटक किया लेकिन जब किसी ने उन्हें नहीं रोका वो जबरदस्ती चली गई।अब सबको थोड़ा सुकून मिला।सुलोचना जी ने अर्पिता को आराम कर ने को कहा और खुद अर्पिता के में पसंद का खाना बना कर उसे खिलाया। अब सब को सुकून मिला।अर्पित अर्पिता को बार बार phone करता रहा लेकिन अर्पिता गुस्से से फोन नहीं उठती थी।कुछ दिन बाद एक दिन अचानक से अर्पित सुबह सुबह घर आ के पहुंच गया किसी को बिना बताए।