पिछले पार्ट में पढ़ा था कि अर्पिता और अर्पित कि सगाई कि तारीख तय होती है,सब खुश होते हैं लेकिन अर्पिता के पापा खुश नहीं होते।जब सुमिता देवी उनसे बात करती हैं तो वो अपनी परेशानी बताते हैं।और वो सारी बातें अर्पिता सुन लेती हैं। सूर्यकांत को कहीं न कहीं लगता है कि अर्पित अर्पिता केलिए सही नहीं है।उन्हें प्रॉब्लम है कि अर्पित कोई government job नहीं कर रहा है।और वो अपनी बेटी को एक गवर्नमेंट ऑफिसर से सादी करवाना चाहते थे।अब आगे :-
पापा की मन की उदासी को अर्पिता समझ पा रही थी।वो बस मौका ढूंढ रही थी कि पापा को कैसे समझाए?उसने सोचा सगाई के बाद ही समझा देगी।लेकिन उसे खुशी थी कि उसके पापा ने उसके खुशी केलिए इस रिश्ते को मंजूरी दे दी है। पर थोड़ा दुःख है कि पापा खुद उदास हैं।
अब सगाई का दिन आ पहुंचा।अर्पिता ख खुश थी कि आज उसके सपनों का राजकुमार उस से सगाई करने आ रहा है।सगाई केलिए अर्पित के परिवार अर्पिता के घर आए थे।अर्पित की नज़रे बस उसकी दिल कि रानी को ढूंढ रही थी।तभी अनन्या और आराध्या अर्पिता को सज ने में हेल्प करने चले जाते हैं।अर्पित भी जब उनके पीछे पीछे जाता है वो दोनों उसे देख के मजाक उड़ाते हैं 😂 और उसे अर्पिता के पास जाने नहीं देते। वो दोनों अर्पिता के कमरे में जाके दरवाजा अंदर से बंद कर देते हैं।बेचारा अर्पित वहां से वापस आ जाता है। सगाई का सुभ महुरत आ गया।पंडित जी ने अर्पिता को बुलाया।अनन्या, आराध्या और साथ ही साथ अर्पिता के दो cousin sister Samikhya और Sweta भी गई थी अर्पिता को लाने।Samikhya और sweta कई दिनों से अर्पिता के घर आए नहीं थे ।वर्ना अर्पिता तो अपनी हर कोई बात इन दोनों से share करती थी।
अर्पिता को ले कर वो लोग आ गए।अर्पित तो बस अर्पिता को देख ता रह गया।अर्पिता ने Pink colour कि लहंगा पहनी थी,साथ ही साथ बालों को खुला छोड़ दिया था। हातों में मेंहदी सजी थी और चूड़ियां खनक रहीं थी।सच में अर्पिता आज बहुत सुंदर लग रही थी।अर्पित कुछ देर तक उसे देख ते ही रहा गया था।आज अर्पित की अर्पिता बहुत प्यारी लग रही थी।अर्पिता ने भी जब सर उठाके अर्पित को देखा उसके भी होस उड़ गए।अर्पित ने उसके कहने के अनुसार black colour का suit पहना था,गोरे रंग के शरीर में ये black colour उसकी गोरे पन को और भी ज्यादा बढ़ा रही थी।अर्पित भी बहुत handsome लग रहा था।जब अर्पित और अर्पिता की नज़रे एक दूसरे से टकराती हैं , अर्पिता तो सर्म के मारे लाल हो गई😜।अर्पित ने भी उसे देख के थोड़ा मुस्कुराया।
अब पंडित जी दोनों को एक दूसरे को Ring पहनने केलिए कह ते हैं।अर्पित और अर्पिता ring पहनाने केलिए एक दूसरे के सामने खड़े हो जाते हैं।अर्पित जब अर्पिता का हाथ पकड़ ता है ring पहनाने केलिए अर्पिता और भी सर्मा जाती है पर उस feel होता है कि उसने एक सही हाथों में अपनी हाथ दी है।अर्पित अर्पिता को रिंग पहना ता है और अर्पिता भी उसे पहनती है।उसके बाद फोटो सूट होता है और सब के मन में खुशी थी।पर अब भी अर्पिता के पापा उदास थे लेकिन बेटी कि खुशी केलिए हस रहे थे। सब कुछ अच्छे से हो गया ।तभी समीक्षा और स्वेता अर्पिता के ऊपर थोड़ा नाराज़ हो के पूछीं," दीदी ! तू ने हम से कितना कुछ छुपाया।तूने तो हमे अर्पित के बारे में कहा था लेकिन उसी अर्पित से तेरी सादी हो ने बली है ये नहीं बताया।"अर्पित कुछ समझ नहीं पा रहा था ,उसे लगा कि क्या अर्पिता उसे पहले से जानती थी? अर्पिता उन दोनों को समझते हुए कहती है," अरे नहीं , इतनी जल्दी इतना सब कुछ हो गया में तुम लोगो को कैसे बताती।"वो दोनों भी ठीक है कह के अपने अपने काम में लग जाते हैं।सब सोच ते हैं कि अर्पित और अर्पिता को थोड़ी देर अकेले छोड़ दे ,और उन दोनों को छत पर भेज देते हैं।
छत पर जाने के बाद अर्पित अर्पिता से पूछ ता है कि उन लोगों ने क्यों कहा कि अर्पित के बारे में अर्पित ने पहले भी कहा था? अर्पिता कहती है," बताऊंगी ,लेकिन पहले मुझ से वादा कीजिए आप कुछ सोचेंगे नहीं ना?"अर्पिता सुरु करती है,"में जब 14 साल की थी तब मैने एक सपना देखा था कि में जिस से सादी करूंगी उसका नाम अर्पित हो और वो दिखने में गोरे रंग का हो,और वो engineer हो,लेकिन बिल्कुल वैसा ही इस दुनिया में कोई होगा मुझे पाता नहीं था ,इसलिए मैने imagination में एक अर्पित को बनाया जैसा मेने सोचा था,और अब देखो जैसा मेने imagination किया था आप बिल्कुल वैसे ही हो,मेने तो एक अर्पित को imagination में बनाया था और बहुत प्यार करती थी अपनी imagination के अर्पित से लेकिन पता नहीं था कि भगवान ने एक अर्पित को मेरे लिए बना दिया है पहले ही। पता है आपको मेने आपको पहले सपने में देखा था उसके बाद facebook में देखा ,जब मैने आपकी प्रोफाइल खुली तो मुझे अपनी आंखो पर भरोसा नहीं था।आप बिल्कुल मेरे सपनो की राजकुमार कि तरह ही है,और देखिए ना आप भी एक engineer ही हैं।ये भले ही आप को सच ना लगे लेकिन ये मेरी ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत एहसाह है।लेकिन अब मेरे लिए आपका रंग ,आपका नाम ,आपकी job कुछ भी important नहीं है।अब में सिर्फ आप से प्यार करती हूं,आप अपनी नाम बदल दे ,अपने शरीर का रंग बदल दे,अपनी job बदल दे मुझे कुछ फरक नही पड़ता।अब में सिर्फ आप से प्यार करती हूं अर्पित!और आपको खोना नहीं चाहती।" इतना कहते ही अर्पिता के आंखो में आंसु आ गए थे ।अर्पित ने उसके आंसु पोछे और कहा,"अब तो क्यों रही हो ?तुम्हे तो तुम्हारा अर्पित मिल ही गया ना,सच में अर्पित मुझे पता नहीं था कि कभी imagination भी सच होती है ,लेकिन आज देख लिया मैने और ये भी देख लिया कि अर्पित कि अर्पिता अपने अर्पित से कितना प्यार करती है, पता है तुम्हे ,तुम ने imagination में मुझे बनाया नहीं था ,वो तो भगवान ने तुम्हे imagine कराया कि तुम्हारा अर्पित कैसा होगा और तुम्हारे दिल में उस अर्पित केलिए एक जगह बन गया जिसे तुमने न कभी देखा था। भले ही imagination में ही सही लेकिन तुम्हारा प्यार मेरे लिए सायाद सच्चा था इसलिए में तुम्हारा हो ने जा रहा हूं। I Love You मेरी जान।"इतना कह के अर्पित अर्पिता को सीने से लगा लेता है।अर्पिता जब अर्पित कि धड़कने सुनती हैं तब उसे लगता है कि आज अर्पित का दिल सिर्फ उसी के लिए धड़क रहा है,और अर्पित कि बाहों में रह कर अर्पिता महसूस कर रही थी वो अर्पित कि अर्पिता है इसीलए भगवान ने उसे किसी और का होने नहीं दिया।
अब अगले पार्ट में देखते हैं कि क्या होगा आगे।