पिछले पार्ट में पढ़ा था अर्पिता को ज़िन्दगी में ससुराल जाने के कुछ दिन बाद एक नई चुनौती से पर करना पड़ता है।अर्पित के बुआ जी अचानक से आके उसको बहुत कम करवाती हैं।बेचारी अर्पिता बहुत दर्द भुगत ती है।बड़ी मुश्किल से बुआ जी वापस चली जाती हैं।अब आगे ;-
बुआ जी के जाने के बाद थोड़ा सुकून मिलता है सबको।फिर भी अर्पिता नाराज़ थी अर्पित से क्यों कि उसने उसे बताया नहीं था जाते वक़्त।अर्पित जितनी भी phone करे अर्पिता नहीं उठा रही थी।एक दिन अचानक से अर्पित सुबह सुबह घर आ गया।घर में आने के बाद पहले मा के पास गया ।सुलोचना जी ने वो सब कुछ कहा जो जो अर्पिता भुगती थी अर्पित के absence में।अर्पित धीरे धीरे अपने कमरे में गया।तभी अर्पिता सो रही थी।अर्पित उसके पास बैठा और उसे देखता रहा।अर्पित की अर्पिता नींद में भी बहुत प्यारी लग रही थी।अर्पित धीरे से अर्पिता की माथे कि चूमा।तभी अर्पिता की आंखे खुल गई।उसने जब अर्पित को देखा तो उसका मन कर रहा था कि वो अर्पित को गले लगा ले लेकिन उसने ऐसा नहीं किया, बल्कि अर्पित के ऊपर नाराज़ ही के bathroom चली गई।अर्पित समझ पा रहा था अर्पिता की नाराज़गी।अर्पिता fresh हो कर आने के बाद अर्पित उस से बात करना चाहता था लेकिन अर्पिता नाराज़ थी और रसोई में चली गई।अर्पित समझ गया कि अर्पिता को कैसे मनाए।
अर्पिता ने अर्पित कि मन पसंद का खाना बनाया था लेकिन उसने बात नहीं की अर्पित से।जब अर्पित ये सब सुलोचना जी को बोलता है तो उसे ही डांट पड़ती है। बेचारा अर्पित ।साम को जब अर्पिता अपने कमरे में थी अर्पित उसके पास गया और साथ में एक Red Rose भी ले गया था।अर्पिता खुशी के मारे और ज्यादा देर तक नाराज़ नहीं रह पाई।उसने वो Red Rose लिया और अर्पित को गले से लगा लिया।अब अर्पित और अर्पिता दोनों बहुत खुश लग रहे थे।अर्पिता जब नाराज़ हो के पूछती है कि अर्पित क्यों उसे बिना बतके चला गया,अर्पित उसे सब कुछ बता ता है।अर्पिता भला कैसे ज्यादा देर तक नाराज़ रह पाएगी अपने अर्पित से।अब अर्पित ने अर्पिता को सिमला जाने को कहा।अर्पिता तो बेसब्री से इस दिन का इंतज़ार कर रही थी।कुछ दिन बाद अर्पित और अर्पिता सिमला निकल गए।वहां उन दोनों ने बहुत मजे किए।अर्पिता को अर्पित वो सारी जगह घूमने के गया जहां अर्पिता जाना चाहती थी।अर्पित और अर्पिता अग्रा भी गए।ताज के सामने अर्पित ने फिर से अपने प्यार की इजहार किया और हमेशा साथ रहने का वादा किया।।दोनों ने बहुत romantic फोटोस भी उठाए। अर्पिता को बहुत अच्छा लग रहा था कि वो आज अपने अर्पित के साथ है।बहुत मजे किए उन दोनों ने। हाथों पे हाथ दे ,एक दूसरे का हाथ पकड़ कर वो दोनो सारी जगह घूमें।
कुछ दिन घूमने के बाद अर्पित और अर्पिता सीधे Banglore आ गए।वहां अर्पिता की पढ़ाई सुरु हो गई एक अच्छे जॉब केलिए। धीरे धीरे अर्पिता अपने पढ़ाई में progress करने लगी।अर्पित भी खुश हुआ ये सब जान के।देख ते देख ते अर्पिता कि पढ़ाई के अंदर उन दोनों की सादी को दो साल हो गए ।दोनों काफी खुश थे।सादी की पहली सालगिरह पर अर्पित ने अर्पिता को एक सुंदर सी सारी gift की थी और दूसरी सालगिरह पर एक सुंदर सा मंगलसूत्र gift किया।कुछ दिन बाद अर्पिता को भी एक अच्छे से company में job मिला।अब उनकी खुशी दो गुनी हो गई।अर्पिता ने अपनी पहली कमी में अपने मा - पापा और सास ससुर केलिए अच्छे gifts लाए।पहली कमाई के बाद वो दोनों वापस Mumbai अपने घर घूमने आए।सबके लिए जो जो gifts लाए थे वो सब दे दिया उन लोगों ने।सब खुश थे अर्पिता की तरक्की देख कर। एक दिन रात को जब अर्पित और अर्पिता अपने कमरे में थे सुलोचना जी ने आ के कहा," बेटा !तुम दोनों की हर इच्छा पूरी हो गई।अब दोनों अपने भविष्य के planing करो।हम सब की उम्र दिन व दिन घट रही है। मरने से पहले हमें हमारे पोते पोतियों का मुंह दिखा दो।"अर्पिता ने ये सुन के कहा,"अच्छा ठीक है मा पर आप मरने कि बात मत कहिए।"सुलोचना जी अर्पिता के बारे सुन कर हसी और कहा,"पहली ! कहां में अभी मर ने वाली हूं,लेकिन एक ना एक दिन सबको जाना ही होगा ना।"अर्पिता ये सब सुन के फिर से बोली ,"नहीं मा !आप मेरे सने ये सब मत कहिए।" सुलोचना जी ने "अच्छा ठीक है "कहा और उन दोनों को समझा कर चली गई।
अगले दिन अर्पित और अर्पिता की सादी कि तीसरी सालगिरह थी।पर वो दोनो ही भूल गए थे।अनन्या और सुलोचना जी ने मिलके प्लान बनाया था उन दोनों कि anniversary celebrate कर ने को।दिन भर सुलोचना जी ने अर्पित और अर्पिता को भेज दिया किसी रिश्तेदार के यहां और अनन्या के साथ मिल कर सालगिरह celebration कि तयारी सुरु कर दी।अर्पित और अर्पिता जब साम को लौटे उन दोनों केलिए एक बड़ा surprise मिला।वो दोनो खुश हो गए।
अब आगे देखते हैं क्या होता है।