Chapter-4

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सिया बिस्तर पर चुपचाप लेटी थी उसकी आंखों में आसूं थे ! उसका पूरा शरीर लहूलुहान था सर से पांव तक उसका बदन दुख रहा था !

तभी उसने देखा वो उसे लिटा कर बाहर हाल में दीवार की तरफ मुंह करके खडा था उसका एक हाथ उसकी कमर पर था और दुसरा दीवार पर !

तभी वो जोर जोर से दीवार पर एक हाथ से मुक्के मारने लग गया ! तीन चार बार दीवार पर मुक्के मारने के बाद वो बिस्तर पर सर पकड़ कर बैठ गया !

सिया उसे अन्दर से ही लेटे लेटे देख रही थी ! तभी वो उठा और पानी की बोतल और कुछ टेबलेट लेकर सिया के पास आया और बोला " ये दवाई खा लो पेन किलर है !

सिया धीरे से उठी और उसके मुंह की तरफ देखती हुई बैठ गई और दवाई उसके हाथ से लेकर खा ली !

वो पानी की बोतल मेज पर रख कर बाहर चला गया !

सिया फिर लेट गई और उसे लगातार देख रही थी ! वो परेशान सा लग रहा था ! सिया सोचने लगी " ये बुरा इंसान नही लगता ! अगर आज इसने मुझे बचाया ना होता तो वो बहशी मेरे साथ बहुत बुरा करता ! तो फिर इसने मुझे कैद क्यो करके रखा है ? आखिर वजह क्या है ?

अनसुलझे हुए सवालो के जवाब सिया खुद ही ढुढने की कोशिश कर रही थी !

तभी वो फस्टऐडकिट ले आया और सिया के पास बिस्तर पर बैठ गया और सिया के हाथ और माथे , कुहनियो पर चोटें थी खून निकल कर जम सा गया था !

उसने सिया को दोनों बांहों से उठा कर बिठाया और रुई से उसके जख्मों पर डिटोल लगाने लगा !

सिया उसे लगातार देखे जा रही थी ! उसकी नकाब से सिर्फ आंखें ही नजर आ रही थी ! जो कि नीली नीली सी और बडी बडी सी थी !

वो इतना करीब था कि उसकी सांसें भी सिया सुन पा रही थी ! अचानक डिटोल लगाते लगाते वो रुक गया जब उसने सिया को अपनी ओर एक टक देखते हुए पाया !

उसने एक बार सिया की तरफ देखा फिर नजरें चुरा ली जैसे कि वो सिया की आंखों में बहुत सारे सवालों से बचना चाहता हो !

वो सिया के ज़ख्मों पर डिटोल से साफ करके दवाई लगा कर बाहर चला गया !

 नई सड़क पार्ट-2 (कैद)(18+)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें