Chapter -23

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सिया को युवराज के साथ नीचे तहखाने मे जाते देख दिलावर सिंह के पास खड़ा बिलाल आग बबूला हो गया और दिलावर सिंह की तरफ मुड़ कर के बोला " बाबा तुम इन का चूतियापा देख ही क्यों रहे हो ??? ये युवराज अब हमारे काम का नहीं रहा !!! विक्रम को खत्म करके निकलते हैं यहां से !!!

दिलावर सिंह बिलाल की बात सुनकर बोला" मैं ये चूतियापा इसलिए देख रहा हूं क्योंकि मुझे नहीं मालूम था कि युवराज जो हमारा खास मोहरा था उसे विक्रम की लड़की से ही प्यार हो जायेगा !!! अब प्लान इसलिए थोड़ा बिगड़ गया है !! अगर हमने यहां कोई ग़लती की तो युवराज और विक्रम मिल जायेंगे और हम पर भारी पड़ जायेंगे,और हमारी सालों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा!!!

बिलाल : तो क्या अब हम युवराज के तरीके से चलेगे ????

दिलावर सिंह: बिल्कुल भी नहीं !!! तुम बस सब्र रखो मुझे विक्रम को जिंदा लेकर जाना है यहां से !! अभी विक्रम का निशाना युवराज है इनकी आपस की लडाई का ही हमें फायदा उठाना है बस तुम अपने आदमी और सारा हथियार और गाडियां तैयार रखो और मेरे इशारे का इंतजार करो !!!

दिलावर सिंह की बात सुनकर बिलाल शांत हो गया....!!

दुसरी ओर विक्रम के मैंशन पर....

फातिमा हाथ में कोफी और कुछ खाने की ट्रे लेकर अनिता के कमरे में दाखिल हुई !!!!

फातिमा "मैडम !! कोफी और कुछ खाने का लाई हूं !!!! क्या रख दूं यही पर ???

अनिता की आंखों में पानी था वो जड़ बन कर कुर्सी पर बैठीं हुई थी !!! उसके ज़हन में उतरा ही नहीं जो फातिमा ने कहा और ना ही उसे फातिमा के कमरे में होने का अहसास हुआ......

अनिता की आंखों में पानी था वो जड़ बन कर कुर्सी पर बैठीं हुई थी !!! उसके ज़हन में उतरा ही नहीं जो फातिमा ने कहा और ना ही उसे फातिमा के कमरे में होने का अहसास हुआ

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