Chapter -14

432 8 21
                                    

युवराज ने औंधे मुंह नीचे गिरते जैसे ही अपना मुंह ऊपर उठाया तो सामने विक्रम राना खड़ा था उसके हाथ में गन थी !

युवराज समझ गया कि अब उसका कुछ भी करना बेकार है उसकी पीठ पर विक्रम के आदमियों की गन थी !!

विक्रम पैरों के बल बैठ कर युवराज के मुंह को अपनी रिवॉल्वर से उपर उठाते हुए बोला"" तो तू है युवराज !!! उर्फ़ ""भीमा" ... यही नाम रख कर आया था ना मेरे घर माली बन कर !!! वैसे तेरी हिम्मत की दाद देता हूं क्योंकि विक्रम राना के आसपास परिंदा भी पूछ कर फड़फड़ाता है और तू मेरे सामने से मेरी जान का टुकड़ा उठा ले गया !!!!

युवराज तीखे अंदाज से विक्रम की आंखों में देखता हुआ बोला ";--" मर्द हूं मैं तेरी तरह गीदड़ नहीं जो सौ चूहे खा कर अच्छाई का नकाब ओढ़ कर शहंशाह बना घूमता है दम है तो सर से मेरे बंदूक हटा ,फिर देख मेरा दम !!

युवराज तीखे अंदाज से विक्रम की आंखों में देखता हुआ बोला ";--" मर्द हूं मैं तेरी तरह गीदड़ नहीं जो सौ चूहे खा कर अच्छाई का नकाब ओढ़ कर शहंशाह बना घूमता है दम है तो सर से मेरे बंदूक हटा ,फिर देख मेरा दम !!

ओह! यह छवि हमारे सामग्री दिशानिर्देशों का पालन नहीं करती है। प्रकाशन जारी रखने के लिए, कृपया इसे हटा दें या कोई भिन्न छवि अपलोड करें।

विक्रम ने युवराज की बात सुनकर जोर से युवराज के मुंह पर रिवॉल्वर का पिछला हिस्सा मारा और बोला ";---" दम की बात करता है साले कल के छोकरे .. तेरी मर्दानगी ये थी कि एक लड़की को किडनैप करके उसके बाप को मारने की धमकियां दे रहा था ! साले !!! लेकिन तू जानता नहीं मेरी बेटी की तरफ आंख उठा कर देखने वाले की मैं आंखें निकाल लेता हूं तो तूने तो मेरी बेटी को हाथ लगाया ,तेरे तो अब मैं हाथ काट दूंगा !तू जानता नहीं विक्रम राना की बेशकीमती चीज चुराकर फिर उसकी आंखों से ओझल होकर रहना बहुत मुश्किल है ..!!

विक्रम गुस्से में खड़ा होता हुआ अपने आदमियों की तरफ देखता हुआ बोला ";-- उठाओ इसे और गाड़ी में डालो और ठिकाने पर ले चलो !!!

 नई सड़क पार्ट-2 (कैद)(18+)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें