Chapter -18

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युवराज " कोई नहीं था , तुम्हें वहम हुआ !!

सिया"" पता नहीं वहम तो मुझे नहीं हो सकता!! चलो जाने दो लेकिन मुझे यहां रुकना कुछ ठीक नहीं लग रहा !!

युवराज" सिया!!!! तुमको मुझ पर तो यकीन है ना ????

सिया रुआंसा सा मुंह बना के"" हां तुम पर यकीन नही होता तो यहां आती क्यों ???

दुसरी तरफ़ बिलाल हांफता हुआ दिलावर सिंह के सामने आकर बोला " उनके कमरे से उनकी बातें सुन कर आ रहा हूं देख ही लिया था उस चालाक लड़की ने मुझे ,बच गया , बहुत दिमाग चलाती है वो !!

दिलावर सिंह हुक्के का कश लेते हुए" तो चलाने दो अब वो पूरी तरह से हमारे काबू में है !!!

बिलाल " वो अभी भी तुम्हारी बातों पर यकीन नहीं कर रही है !! जो भी करना है वो हमें जल्दी करना होगा !!

दिलावर सिंह" फ़िक्र मत कर बिलाल !! युवराज हमारा है और युवराज में जान बसती है उसकी !! वो युवराज को छोड़ कर कहीं नही जायेगी !!

बिलाल "लेकिन तुम ये विक्रम को सुधारने वाली बात क्या कर रहे थे ??

दिलावर सिंह" समझा करो तुम!!! जब मैं कोई भी बात करता हूं ना तो अपना मुंह बंद रखा करो नहीं तो बना बनाया खेल खत्म कर दोगे !! ये लड़की विक्रम की मौत का हथियार है ये खुद बनेगी विक्रम की मौत का कारण !! बस देखते जाओ !!

बिलाल दिलावर सिंह की बात सुनकर समझ गया और शांत हो गया और बोला " ठीक है !! अब आगे क्या करना है ???

दिलावर सिंह" विक्रम को अपने ठिकाने पर बुला कर बंदी बनाना है !!!

बिलाल" लेकिन वो आयेगा कैसे ?? ये इतना आसान नहीं है !!

दिलावर सिंह " वो आयेगा जरुर आयेंगा !!! उसकी लड़की बनायेगी रास्ता उसके आने का !!

दिलावर सिंह धीरे धीरे बिलाल को कुछ समझाने लगे गया !!

युवराज और सिया बिस्तर पर बहुत देर से चुप बैठे थे ! सिया बहुत गहरी सोच में डूबी हुई थी , युवराज ने सिया की ओर देखा और उसे दोनों बाजुओं से पकड़ कर हिलाया और बोला " क्या सोच रही हो मेरी जान ?? कि अपने पास मेरी मौजूदगी भी भूल गई हो !!!!! देखो दिलावर सिंह ने खाना भिजवाया है यही पर !!!

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