Chapter-10

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विक्रम अनीता के कमरे से निकल कर कोरीडोर से होता हुआ अपने कमरे में चला गया !

वो अनीता के अंदर के तूफान को भली-भांति जानता था ! और उसे समझता भी था कि अनीता ने इतने सालों तक बिना कुछ चाहे गुड़िया को मां का प्यार देने में कोई कमी नहीं रखी ! वो तो बिन बिहाई मां बन गई थी सिर्फ गुड़िया के लिए उसने इतना बड़ा त्याग किया था !

लेकिन विक्रम वो सब उसे दे ही नहीं सकता था जो कि सिर्फ अनु के साथ ही ख़त्म हो गया था ! जबकि विक्रम जानता था कि अनीता को इतने साल साथ रहते हुए उससे प्यार हो गया था वो उसकी फिक्र भी करती थी !

बस यही सब सोचता हुआ विक्रम चेंज करने वाशरूम चला गया !

सिया और उसकी सहेली निकी बहुत देर तक बातें करती रही फिर निकी सिया को बाय बोल कर चली गई !

निकी के जाने के बाद सिया पापा क़ आवाज लगाती हुई सीढ़ियों से नीचे उतर आई !

सिया की आवाज सुनते ही विक्रम अपने कमरे से बाहर आ गया और कोरीडोर से चलता हुआ बाहर हाल में आ गया ! लेकिन सिया पापा पापा करती कोरीडोर से ओती हुई अनीता का कमरा खुला देखकर उसमें चली गई !

दरवाजे के पास टेबल लैंप टूटा पड़ा था उसको देखकर सिया बोली " मां ये लैंप कैसे टूटा ?

अचानक सिया के कमरे में आ जाने से अनीता थोडा बौखला गई और अपने को संभालती हुई बोली " हां बेटा वो फातिमा को दिया था बदलवाने के लिए ,ये चल नही रहा था लेकिन ले जाते वक्त उससे दरवाजे में टकरा कर टूट गया‌ ! तुम वही रुको .. कांच बिखरा है तुम्हारे पांव में लग जायेगा ! मै फातिमा को दोबारा आवाज देती हू कि ये कांच उठा कर लेकर जाये !

अनीता ने बाहर आकर फातिमा को आवाज दी ,वो उसी वक्त आकर सारा बिखरा कांच उठा कर और सब साफ करके चली गई !

सिया अंदर आकर बैड पर बैठ गई ! अनीता ने उसके सर पर हाथ फेरा और प्यार से बोली " लगता है कि कुछ कहना है मेरी बेटी को ?

सिया जो मासूमियत से अनीता की तरफ देख रही थी बोली " हा मां कहना था कुछ !

 नई सड़क पार्ट-2 (कैद)(18+)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें