Chapter-9

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एकदम फोन में मैसज टोन से दोनों की आंख खुली !

युवराज ने आंखें मलते हुए फोन उठाया और मैसज देख कर फोन साइड रख दिया फिर लेटे लेटे ही अपनी गर्दन घुमा कर सिया की तरफ देखा जो उसके बराबर लेटी अपनी आंखें मल रही थी !

बहुत ही खूबसूरत लग रही थी वो बिल्कुल मासूम सा चेहरा नींद से उठने के बाद हल्की फूली हुई आंखें .. युवराज को उस पर प्यार आ गया ! उसने करवट ली और सिया का मुंह पकड कर अपनी ओर किया और उसके नाज़ुक होंठों को चूम लिया !

सिया ने भी युवराज की तरफ करवट लेकर अपने आप को उसके सीने से लगा लिया और एक मासूम से बच्चे की तरह अपना मुंह युवराज के सीने में छिपा लिया !

युवराज ने कस कर उसे अपने सीने से लगा लिया और उसके माथे पर अपने होंठ लगा लिए !

युवराज भावुक होकर बोला " कैसे रह पाऊंगा तुम्हारे बिना अब मैं ? तुमने पागल कर दिया है मुझे जानेमन !

सिया प्यार से " मेरे बिना रहने की जरूरत ही नहीं अब !!!! मेरे साथ ही रहो जीवन भर ! मै भी तुम्हारे बिना एक पल नही रह सकती युवराज !

युवराज सिया की आंखों में देखते हुए " अगर मुझे कुछ हो गया तो ? जिन्दगी का कोई भरोसा नहीं ! जिस रास्ते पर मै हू बस वहां से मौत ही अपनी आगोश में लेती है !

सिया युवराज के होंठों पर अपना हाथ रखते हुए " ऐसा मत बोलो !! कुछ नहीं होगा तुम्हें ! सब ठीक होगा ... मेरा दिल कहता है !

युवराज सीधा होकर लेट गया और एक ठंडी सांस भरी और छत को घूरने लग गया !

सिया युवराज की बांह पर अपना सर रख कर अपना एक हाथ उसके सीने पर रख कर बस एक टक उसे देखती रही !

तभी फोन की रिंग बजी ! युवराज ने एक झटके से उठकर फोन उठाया और नम्बर देख कर अपने कान को लगा लिया !

फोन से " पहुंच रहै हो ना ?

युवराज " हां !!! निकलता हू थोडी देर मे !

युवराज ने फोन काट कर साइड रख दिया !

सिया " उसी दिलावर सिंह का होगा ?

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