" नामर्द कही का!"
" क्या कहा तुमने, नामर्द? देखनी है मेरी... मर्दानगी????? बोल दिखाऊं ?????
एक पिता के जिगर का टुकड़ा उसकी बेटी जब किडनैप हो जाती है तो उस बाप पर क्या बीतती है
एक ऐसी अनहोनी होती है कि बेटी के आगे बाप का अतीत खड़ा हो जाता है ऐसे...
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युवराज तहखाने की सीढ़ियों की तरफ मुड़ा,उसने पीछे मुडकर विक्रम की तरफ़ देखा तो विक्रम उसी की तरफ देख रहा था और उसके होंठों पर एक अजीब सी मुस्कुराहट थी !!!!
युवराज तेज़ी से तहखाने से बाहर आकर सीधा दिलावर सिंह के कमरे की तरफ़ गया और कमरे में दिलावर सिंह उसका इंतजार कर रहा था बिलाल भी पास ही बैठा था !!!!
दिलावर सिंह युवराज को देखते ही बोला " आओ तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था बैठो!!!! बताओ क्या बात हुई????
युवराज " बात तो मैंने वो सब कर दी जो सोच कर गया था लेकिन विक्रम के दिमाग में कुछ और ही खिचड़ी पक रही है !!!
दिलावर सिंह" मैं तुम्हारा मतलब नहीं समझा ????
युवराज " देखो !! विक्रम की आंखों inमें ना जरा सा खौफ है ना अपनी बेटी की फ़िक्र !!! उसके चेहरे पर एक सुकून है !!!!
दिलावर सिंह" तो जब तुमने उसकी बेटी के साथ कुछ ग़लत करने की बात की तो वो क्या बोला ?????
युवराज " बस घुमा फिरा कर बात कर रहा था , जैसे उसे लगता है कि उसकी बेटी को कोई खतरा नहीं है !!! मतलब उसे यक़ीन है कि मै उसकी बेटी से प्यार करता हूं उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकता !!!
दिलावर सिंह " तुम ये बात यक़ीन से कह रहे हो ???? क्योंकि विक्रम को मैं भी जानता हूं वो अपनी बेटी को किडनैप करने वाले के साथ अपनी बेटी के प्यार को बर्दाश्त नहीं कर सकता !!!!
युवराज" हां ये बात तो मैं भी समझता हूं कि वो अपनी बेटी को मेरे साथ देखकर खुश नहीं हैं !!! फिर तभी तो कह रहा हूं कि उसके दिमाग में कुछ और ही पक रहा है और वो यहां अकेला किसी प्लानिंग से ही आया है !!!!