" नामर्द कही का!"
" क्या कहा तुमने, नामर्द? देखनी है मेरी... मर्दानगी????? बोल दिखाऊं ?????
एक पिता के जिगर का टुकड़ा उसकी बेटी जब किडनैप हो जाती है तो उस बाप पर क्या बीतती है
एक ऐसी अनहोनी होती है कि बेटी के आगे बाप का अतीत खड़ा हो जाता है ऐसे...
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विक्रम और अनीता की आंखें एकटक बाहर के गेट की तरफ लगी हुई थी जहां से अभी अभी सिया और युवराज निकल कर जा चुके थे !!!
अनीता विक्रम की बांह पकड़ कर उसको अपनी तरफ खींचते हुए दुखी मन से बोली " विक्रम!!! मुझे हैरानी है कि तुमने अपनी बेटी को उस युवराज के साथ जाने ही क्यों दिया ??? क्या चल रहा है तुम्हारे दिमाग में ???
विक्रम अनीता की बात का जवाब देता तब तक धीरज भी विक्रम के पास आकर बोला"" विक्रम !!!! यही बात मेरी समझ में भी नहीं आई कि तुमने उस लड़के को गुड़िया बेबी के साथ जाने ही क्यों दिया ?? जब कि हम लोग पिछले 20 दिनो से जानकारी करके इस लड़के को पकड़ने के लिए फिर रहे थे कि पता चले कि इसका मकसद क्या था गुड़िया बेबी को किडनैप करने का ?
विक्रम गम्भीर आवाज में " जानता हूं तुम सब के दिमाग में बहुत सवाल है और तुम ये भी जानते हो कि युवराज तक पहुंचना मेरे लिए मुश्किल काम नहीं है लेकिन बात यहां मेरी बेटी की मर्जी की है उसकी गलतफहमी की है जो युवराज ने उसको गलत बता कर डाल दी है !!!
धीरज" अरे तो गुड़िया बेबी को सच क्यों नहीं बताया तुमने ??
विक्रम " सच बताने का कोई फायदा नहीं था क्योंकि उसको झूठ भी सच की तरह से चालाकी से बताया गया है जिस पर उसको यकीन हो गया है !!
धीरज " तो फिर अब क्या करना है ???
विक्रम "" दिलावर सिंह को छोड़ दो !! और उसकी और बिलाल की हर हरकत पर नजर रखो ! बाकी मेरे अगले कदम का इंतजार करो !!!
धीरज हैरानी से" दिलावर सिंह को छोड़ देने का मतलब भी समझते हो ना तुम ?? गुड़िया बेबी उनके पास है कुछ भी ग़लत हो सकता है !!