बेख़बर तो तू भी नहीं.....
और खबर मुझे भी है.....
इनकार तो तुझे भी नहीं....
और एतराज़ मुझे भी नहीं है....
इश्क़ है दरमियां...
पर एहसास तुझे भी नही....
और मालुम मुझे भी नहीं है....
और ना देखूँ एक पल को तो.....
सुकून में तो तू भी नहीं......
और चैन मुझे भी नहीं है.....
फ़िक्र जो करता हूँ तेरी.....
उसपे तेरा कोई सवाल भी नही....
और अब दिल का हाल भी यही है.....
बेख़बर तो तू भी नहीं.....
और खबर मुझे भी है...।
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A$***
8 May 2018.