Wo Ishq Hi Kya***..!

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वो इश्क़ ही क्या ,
जो एक तरफ़ा ना हो ,
जिसमे छोटी-बड़ी खता न हो ,
जिसमे शिकायत ना हो ,
जिसमे उनको देखे राहत ना हो,
वो इश्क़ ही क्या ,
जिसमे रूठने की रवायत ना हो ,
जिसमे मनाने की चाहत ना हो,
जो एक दफ़ा ना हो ,
जो हर दिन हजार दफ़ा हो ,
हां वो इश्क़ ही क्या ,
जिसमे दूर होने का गम ना हो ,
जो उनके पास होने से ,
मुस्कराहट कभी कम ना हो,
जिसमे उनका इंतज़ार हो ,
जिसमे बेवजह का प्यार हो ,

वो इश्क़ ही क्या ,
जिसमे जूनून ना हो ,
जिसमे उम्र भर का सुकून ना हो ,
जिसमे उनकी खामियों से प्यार हो,
जिसमे उनके हर झूठ पर ऐतबार हो,
हा वो इश्क़ ही क्या ,
जिसमे लफ़्ज़ों में ज़ज़्बात ना हो ,
जिसमे उनकी ख़ामोशी से बात ना हो,
वो पास हो या न हो ,
उनके इश्क़ का एहसास ना हो,
हां वो इश्क़ ही क्या..
वो इश्क़ ही क्या...!
15 Dec 2017

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