Aakhiri Saans***..!

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यूं तो आख़िरी सांस भी मुकम्मल हो जाती,
पर इंतेज़ार में उनके ..
अब भी इक सास छिपाये बैठा हूँ ,
सोया हूँ ज़मी में ....
ये बात सच तो है मगर ,
सीने में इक आग....
आज भी जलाये बैठा हूँ ,
वो हमारे ना हुए ....
ये पुरे ज़माने को खबर है ,
पर हम है उनके ही मुरीद....
ये बात साथ सोये हर एक दोस्तों को बताये बैठा हूँ ,

साथ सोये दोस्त....
आज भी मुझे पागल ही कहते है ,
हां जानता हूँ .....
इसलिए आखिरी सांस पे....
उनका ही नाम गुदवाए बैठ हूँ ,
उनके इश्क़ का रंग ....
फीका तो आज भी ना हुआ ,
अपनी आखिरी सांस को ....
उनके ही सांस में मिलाये जो बैठा हूँ ,
गवाह मांगते है लोग .....
मेरी मुहबबत का उनसे ,
क्या मालूम नही उनको .....
लेटा हूँ मौत के साथ.......
फिर भी उनके लिए ......
इक पल की ज़िन्दगी छिपाये बैठा हूँ ,
हां, आखिरी सांस मुकम्मल हो जाती ,
बस उनके इंतज़ार में ......
मौत को भी बहलाये बैठा हू ,
आखिरी सांस अपने सीने में ना सही .....
उनके सीने में ही कहीं छिपाये बैठा हू ....
.
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A$***
31 Oct 2017

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