आज उनके आसुओ ने ,
रोना सीखा दिया.....,
बस दो बूंद थे आखो में,
जैसे समंदर को भी भीगा दिया,
ना शिकायत थी उनमे,
ना अफसोस कि वजह थी,
बस उनके एक दर्द ने ,
मेरा पूरा दामन भीगा दिया ,
कुछ कहते भी नही ,
ओर भीगी आखो से भी मुस्कुरा दिया,
ना जाने क्या छिपाया था दिल मे ,
जिसको आसुओ में बहा दिया ,
दर्द देते रहे खुद को ,
यू ही रात भर ,
अपने दर्द पर खुद ही मुस्कुरा लिया,
धड़कने चलती रही ,
थमती रही उनमे कहीं,
मुझको भी अपने दर्द का हमदर्द बना लिया ,
हा।.., आज उनके आसुओ ने मुझे,
उनमे जीना सीखा दिया ,।
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A$***
10 September 2017