वो उदास नही ,
फिर भी उसमे कोई न कोई बात हैं ,
वो रहती नही खुद में ,
जैसे वो रहती मेरे साथ है ,
वो खामोश है ,
फिर भी वो मेरे दिल की आवाज है ,
उसकी पलकें झपकती नहीं ,
जैसे उसकी आँखों मे मेरे ही ख्वाब है ,
वो दर्द बताती नही ,
जैसे उसको मेरे दर्द का एहसास है ,
वो छिपाती नही कुछ भी ,
फिर भी जैसे उसमे गहरें से राज़ है ,
उसकी कोई ख्वाहिश नही ,
जैसे उसको मुझे ही पाने की आश है ,
वो जैसे कुछ नही खुद में ,
पर वो मेरी जैसे पूरी कायनात है ,
15 July 2018