Chapter -5

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लडकी ने फिर बोला :-""" बोलो..???? मैं सही कह रही हूं ना !!  तुम बुरे होते तो मुझे वही मरने के लिये छोड आते,लेकिन तुमने ऐसा नही किया !!!

लडका तीखे अंदाज में :-"" मैं जो भी हूं वो तो हूं लेकिन तुम कुछ  भी ज्यादा मत सोचो और निकलो यहा से........मेरी जिन्दगी पहले ही बहुत मुश्किल है !!!! मैं और मुश्किल नही करना चाहता !!! समझी तुम ????

लडकी नरम अंदाज में :-" प्लीज !!!! मुझे अपने से अलग मत करो ...... ! मैं तुम पर बोझ नही बनुगी !!! जैसे भी होगा मैं अपना सब काम खुद करूगी !!! लेकिन तुम्हारे घर मैं सुरक्षित तो रहूगी !!!

लडका तलखी से :-"" मेरा कोई एक ठिकाना नही हैं मैं आज यहा कल वहां रहता हू !!! बस जगह बदलता रहता हूं मैं.....!!!

लडकी गिड़गिड़ाते हुए :-"" मैं तुम्हारे साथ रह लूगीं मैने कहा कि मैं तुम पर बोझ नही बनूगी !!!!

लडके ने गुस्से में लडकी के बिल्कुल करीब आकर बोला :-"" तुमको समझ आता है कि नही जो मैं कह रहा हूं ???? 

"""लडका लडकी के इतने करीब था कि लडकी उसकी सासें भी सुन सकती थी जो कि गुस्से में तेज-तेज चल रही थी !!!!

लडकी फिर बिना उसकी बात सुने उसको एक टक देखने लग गई थी !!!!

वो इतना करीब आकर जब बोलता था तो लडकी उस लडके में खो सी जाती थी ! एक पल के लिये सब भूल सी जाती थी‌! क्योंकि वो आकर्षक ही इतना था !

तभी लडका जोर से लडकी की दोनो बांहो को अपने दोनो हाथो से पकड कर उसके और करीब आ गया ! लडकी पीछे दीवार में जैसे चिपक गई थी !!!

लडका बिल्कुल लडकी के करीब होकर बोला  :-"" तुमको मेरी बात सुन भी रही है कि नही ??? जब मैं कुछ बोलता हूं तो गूगीं क्यो हो जाती हो ???

लडका लडकी के एकदम साथ था,लडके ने एक हाथ से लडकी की एक बांह पकड रखी थी और दुसरा हाथ दीवार पर रख लिया था !!

लडकी की जैसे बोलती ही बन्द हो चुकी थी,वो तो बस लडके के इतना करीब आने पर जैसे खो सी गई थी,जैसे उसको जन्मों का सकून मिला हो ! लडके के गुस्से में भी उसको अपनापन दिख रहा था !!!

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