Chapter-24

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राज धीरे से खिडकी के पास गया उसने देखा कि खिडकी पर परदे थे लेकिन अन्दर से आवाजे आ रही थी !

राज ने कान लगा कर सुनने की कोशिश की लेकिन कुछ समझ नही आया लेकिन ये अन्दाजा हो गया कि दो आदमी कुछ खाते हुए बात कर रहै थे !

राज ने नीति को इशारा किया अपने पीछे आने का जो कि झाड़ियों के पीछे खडी राज के इशारें का इन्तज़ार कर रही थी !

नीति राज के करीब आ गई ,राज धीरे से फुसफुसाते हुए बोला ";- तुम इस कमरे के आगे से देखने की कोशिश करो कि इस कमरे का गेट किधर है ?

नीति थोडा आगे की तरफ झुक कर चलते हुए आगे की तरफ बढने लगी ,उसने दीवार के कोने से देखा कि गेट सामने था  दोनो साईड मे कन्धे तक दीवार थी बीच में काफी बडा आंगन और बगीचा था  !

लेकिन गेट पर एक हट्टा कट्टा आदमी हाथ मे बन्दूक लिए खडा था !

नीति ने झुके हुए ही चल कर जैसे देखा, वैसा राज को बता दिया !

राज फुसफुसाते हुए बोला ";- इसका मतलब उस गेट वाले आदमी को हटाना होगा तभी अन्दर जा सकते है !

राज दुसरी खिडकी की तरफ बढ़ा जिसकी लाईट जल रही थी !!

राज ने खिडकी के पास जाकर सुनने की कोशिश की तो कुछ हंसी मजाक करने की आवाजे आ रही थी लेकिन एक आवाज किसी लडकी की थी दुसरी एक आदमी की !

राज झुक कर ज़मीन  पर फुसफुसाते हुए नीति के कान के पास फुसफुसाते हुए बोला"";- इसका मतलब जमींदार का एक आदमी इस कमरे में किसी औरत के साथ है एक गेट पर है और एक जमीदार के साथ कमरे में ! मतलब ये हुआ कि आज जमीदार के साथ तीन आदमी है !

नीति फुसफुसाते हुए ";- हां अच्छा है ये तो फिर !

राज नीति को अपने पीछे आने का इशारा करके गेट की तरफ धीरे से बढने लगा !

नीति का भी दिल डर रहा था लेकिन वो राज को देखते हुए अपनी हिम्मत दुगनी कर लेना चाहती थी !

राज ने गेट के पास पहुंच कर उस हट्टे से आदमी की तरफ जैसे ही उसे पकड़ने के लिये अपना हीथ बढाया वो आदमी सरसराहट सुन कर पलट गया और एक दम राज की तरफ लपका और अपनी बन्दूक उठा कर राज की तरफ तानने लगा !!!

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