Chapter -7

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"""नीति बिना रुके आज सब कुछ लड़के को बता देना चाहती थी...

""नीति ने आगे बताना शुरू किया ""

"तभी अचानक मेरे हाथ में एक लोहे का राड आ गया, जब वो हैवान मुझे बालो से पकड कर घसीट रहा था !

फिर मैने बिना कुछ सोचे वो राड अपने दोनो हाथो में ले कर उसके सर पर दे मारा ,! राड सर पर लगते ही उसने मेरे बाल छोड दिये ओर दर्द से कराहने लग गया !!!!

लेकिन जब तक मैं उठ कर भाग पाती वो मेरी ओर फिर लपका!!!!!

मैने भागना चाहा लेकिन उसने मेरी टाँग पकड कर मुझे फिर नीचे गिरा दिया और गालीयाँ देने लग गया " साली छिनाल !! तू अपनी माँ जेसी हैं जैसे उसे मारा आज तुझे भी मार दूगाँ !!!!

नीति ये सब बताते हुये लगातार रोये जा रही थी.....

तभी लडका उसके करीब आ कर घुटनो के बल जमीन पर बैठ गया नीति के पास और नीति के कंधे पर अपना हाथ रखता हुआ बोला :-""" फिर क्या हुआ ???

नीति फिर रोते हुये और गुस्से में बोली " फिर जब वो मेरी माँ को गाली देने लग गया और मेरी टाँगे पकड कर मुझे नीचे गिरा दिया .....लेकिन मैने वो राड नही छोडा था हाथ से.....

फिर जब तक वो एक हाथ से मेरी एक टाँग पकड कर और दुसरे हाथ से कुछ ढुढनें लग गया मुझे मारने के लिये....लेकिन तब तक मैने बिना एक मिनट गवाएं वो राड जो मेरे हाथ में था मैने  दोबारा उसके सर पर मार दिया !!!!

वो मारे दर्द के मेरी टाँग छोड कर एक तरफ पडा छटपटाने लग गया ,मैने राड का प्रहार दो बार और उसके सर पर कर दिया,मानो खून की धार बह चली थी उसके सर से,वो एक तरफ को लुढक गया था !!!!

शायद वो मर चुका था मै ने उसी वक्त एक गाडी के रूकने की आवाज सुनी फिर मैं वहा से जैसे तैसे भाग निकली !!! लेकिन मुझे अब लगता है कि मेरे कमीनें बाप ने अपने मालिक को सब बता दिया था !!!

तब से मेरे बाप के मालिक के कुत्तै मेरे पीछे पडे है !!!

नीति सब कुछ बता कर चुप हो गई थी !!
तभी लडका बोला :-""" ये तुम्हारे बाप के मालिक का नाम क्या था ? क्या जानती हो तुम ???

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