Chapter -9

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लडका पलंग पर बैठा था , नीति सामने जमीन पर दीवार के साथ पीठ लगा कर बैठी थी !

लडके ने नीति की तरफ देखा जो कि उसे ही देख रही थी जैसे मानो बस इन्तजार कर रही हो कि कब लडका अपने बारे में कहना शुऱू करे !!!!

लड़के ने पहले बहुत ही गहराई से कुछ सोचना शुरू किया फिर नीति की तरफ देखकर नीचे जमीन पर पलंग से पीठ लगा कर नीति के सामने बैठ गया और छत को घूरते हुए अपनी बीती हुई ज़िन्दगी के बारे में बताने लगा !!!!

लडके ने बोलना शुरू किया :-""" मेरा नाम राज है मैं एक मार्केटिंग कम्पनीं मे काम करता था ! मेरी मां और मेरी एक बहन हम अच्छी भली जिन्दगी जी रहै थे ! मेरी बहन बहुत ही चुलबुली थी ! सारा दिन हसंती रहती थी ,बस खुश रहती थी ! बहुत सपने थे उसके कि वकील बनेगी ,और बहुत मेहनत से वो अपनी पढाई करती थी....

"""बचपन में पापा के मर जाने के बाद मां ने हम दोनो को बहुत मेहनत करके पाला था ये बात रीना मेरी बहन और मैं बहुत अच्छे से समझते थे, तभी हम दोनो मेहनत करके मां को एक अच्छी जिन्दगी देना चाहते थे !!

""रीना मुझे भी बहुत प्यार करती थी वो मुझ से दो साल बडी थी उसने अपनी पढाई पूरी कर ली थी अब किसी लोअर फर्म में इन्टर्नशिप कर रही थी !

""बहुत अच्छी जिन्दगी चल रही थी ! एक दिन रीना घर जल्दी आ गई,उसने अपना पर्स एक तरफ रखा और अपने फोन पर किसी से बात करने लग गई, उस दिन मेरी छुट्टी थी !!

मां भी रीना को घर जल्दी आई देख कमरे में आ गई और पूछने लगी कि :-""" अरे बिटीया तू आज जल्दी आ गई कुछ लाऊ बना के तेरे लिये कि रूक के खायेगी ?

रीना ने फोन पर बात करते करते ही जबाब दिया :-""" माँ अभी मुझे भूख नही जब होगी तो मै बोल दूगीं !

""माँ कमरे से बाहर रसोई की तरफ चली गई ,मैं कमरे में बैठा अपने फोन में बिजी था लेकिन मेरा पूरा ध्यान रीना की तरफ था क्योकि वो थोडा परेशान दिख रही थी !! मैं रीना की परेशानी जानना चाहता था !

""वो लगातार फोन पर किसी से बहस रही थी फिर अचानक रीना ने फोन बन्द करके अपना पर्स उठाया और बाहर की ओर निकल गई !

""ऐसा उसने कभी भी नही किया था !! कि बिना  खाये और बिना किसी से बात किए वो घर से चल दी हो.....माँ पीछे से रीना को आवाजे ही देती रह गई लेकिन वो बिना सुने ही घर से निकल गई !

"""माँ भी थोडा परेशान हो गई थी कि रीना घर आकर खाना बनाती थी सबसे हस हस के बाते करती थी फिर वो मुझ से भी बिना बोले कभी ऐसे घर से बाहर नही गई !

""मैं माँ के पास गया जो कि बहुत परेशान हो गई थी !

""मैने माँ को पकड कर अपने साथ लगाया और समझाया :-""" माँ तुम परेशान मत हो रीना को कुछ अपने काम की परेशानी होगी वो अभी आ के सब बता देगी !

""मैं देखता हूं उसके फोन पर बात करके ! माँ थोडा शांत हो कर कमरे से बाहर निकल गई थी !

मैने रीना का फोन लगाना शुरू किया लेकिन फोन कवरेज एरिया से बाहर बता रहा था !

मैं भी थोडा परेशान तो हो गया था ! लेकिन मैं अभी सिर्फ इन्तजार ही कर सकता था !!

रात के आठ बज चुके थे ! माँ फिर कमरे में आके पूछ रही थी " कि राज बेटा तूने फोन किया बहन को....???

मैने बोला :-""" हा माँ फोन एक घन्टे पहले किया था बात हो गई थी रीना ने बोला कि वो थोडा लेट आयेगी ! मैने मां को दिलासा देने के लिए झूठ बोला !

माँ :-""" अरे ये बात घर पर बता कर चली जाती हम फिकर तो ना करते !! माँ थोडा नाराज होकर कमरे से बाहर दुसरे कमरे में चली गई !!

मुझे भी अब फिकर होने लग गई थी क्योकि रीना का फोन अभी भी नही लग रहा था !

मैने अब सोच लिया कि अब मैं देख कर आता हूं जहा वो काम करती है !

तभी बाहर गेट पर बैल बजी ! माँ उठ कर जाती इससे पहले मैं गेट पर पहुच गया ! 

बाहर का दरवाजा खोला तो पुलिस खडी थी आगे वाले इन्सेपेक्टर ने कहां राज कौन है मैने हां मे सर हिला दिया !

इन्सपेक्टर बोला :-""" तुमको हमारे साथ पुलिस स्टेशन चलना होगा !

मुझै समझ नही आ रहा था कि बात क्या है मैने पूछा :-""" इन्सपेक्टर साहब ! बात क्या है..???

इन्सपेक्टर बोला :-"" यह तो तुमको थाने चल कर ही पता चले गा अभी चलो हमारे  साथ !!

माँ भी बाहर आ गई थी ,इससे पहले माँ घबरा कर उनसे सवाल पूछती मैने ही माँ को बोला :-""" माँ मैं आता हूं थोडी देर में कुछ काम है इनको मेरे से मैं तुझे घर आ के बताऊगा !

माँ कुछ आगे से बोल पाती मैं फटाफट पुलिस के साथ बाहर निकल गया और उनकी गाडी में बैठ गया............. फिर

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