शाम हो गई थी......रवी भी सुबह से मेरे साथ था वो मेरे पास आकर बोला ";- चल फोन की डिटेल लेने चलते है !!
मैं खडा हो गया और माँ को बोला ;-" मैं आता हूँ मां तू अपना ख्याल रखना !!
मैं और रवी बाईक पर निकल गये !! थोडी देर में हम फोन की दुकान के सामने थे !
हम दुकान के अन्दर घुस गये !! दुकानदार हमको देख कर बोला ";-"" ये रही फोन नम्बर की सारी काल्स की डिटेल और सारे मैसज !!!!
उसने एक पेपर हमारी ओर खिसका दिया ! हमने पकड कर देखा वो आठ दस पेज थे जिसमें काफी नम्बर थे और मैसज !!
रवी बोला;-" घर चल कर देखते है !
हमने दुकान वाले का शुक्रिया अदा किया और घर पहुच गये !
माँ वही दीवार के साथ पीठ लगा कर मूक बनी हुई थी ! तभी रवी की माँ और बहन चाय ले आई और बोली कल से तुम दोनो मां बेटे ने कुछ खाया ना पीया !! चलने फिरने के लिये कुछ तो पेट में डालना जरूरी है !!
रवी की माँ मेरी माँ को जबरदस्ती चाय पिलाने के लिये उसके पास बैठ गई !
रवी के परिवार के साथ भी हमारा बहुत प्यार था एक परिवार की तरह थे !
मैं और रवी दुसरे कमरे में आ गये और नम्बर और मैसज पढने लग गये !
ऱीना के फोन पर नम्बर तो बहुत सारे थे लेकिन एक नम्बर बहुत ज्यादा बार था और उसी नम्बर के ही बहुत सारे मैसज थे !
जैसे जैसे मैं और रवी मैसज पढते रहै हमारे तो होश ही गायब हो गये !!
क्योकि मैसज तो साफ जाहिर कर रहे थे कि रीना का किसी के साथ प्यार का चक्कर था !
रीना के मरने के एक घन्टे पहले के मैसज पढ कर तो हमको पूरी बात ही समझ आ गई क्योकि जिस के वो मैसज थे उसका नाम नमन था उसने रीना को मिलने ब़ुलाया था !!
लिखा था साफ कि मन्दिर के पीछे जो रास्ता हाईवे की तरफ गया है वहा मिलते है ! और रीना की लाश भी वही पास की झाडीयो में मिली थी !
रवी बोला ";- बात तो समझ आ गई सारी कि रीना का उस नमन से प्यार था और वो उसको बहुत दिनो से मिल नही रहा था तो रीना उसको रोज फोन करती थी और बहुत परेशान थी ! फिर नमन ने मिलने बुलाया और फिर..... वहां पर क्या हुआ ये तो वो लडका नमन ही बता सकता है !

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अंत
Tajemnica / Thriller"नमन;-" वैसे तेरी बहन थी बहुत मजेदार... बहुत मज़ा करवाया उसने मुझे..साली खुद ही कपड़े उतार देती थी.. अपना एक एक अंग दिखा दिखा कर कपड़े उतारती थी कि एक नशा सा हो जाता था मुझे..साली रोज़ चूस चूस कर मांगती थी.."" राज़;-" साले हरामजादे!!! हाथ खोल मेरे...