Chapter -4

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लडकी ने उसे सामने से सर से पाँव तक देखना शुरू किया,वो लडका काली पैंट और काली कमीज में था माथे पर एक काली पट्टी बन्धी थी गरदन तक बाल थे,और हलकी मूंछै थी,रंग गोरा,हाथ में रिवाल्वर था,चमडे के जूते थे उसके पाँव में,वो इतना सुन्दर और आकर्षक था,कि लडकी उसको बस एक टक देखे ही जा रही थी !

तभी उस लडके ने गुस्से में बोला :- तुम को मैं वहां ना पकडता तो वो लोग तुम्हें ले जाते,"" तुम खुद अपना ख्याल क्यो नही रख सकती,और वो लोग तुम्हारे पीछे क्यो पडे है..???? बताओगी ..???????

""वो बस एक दम से गुस्से में बोल गया,और लडकी की तरफ घूर के देखने लगा"""

लडकी थोडा उसके गुस्से से डर गई,लेकिन पता नही क्यो लडकी के दिल का डर उस लडके को देख कर भाग गया था,लडकी को ऐसा लग रहा था कि वो लडका बुरा नही है,वो दो बार उसको बचा कर लाया था,लडकी को लगा कि यहां  इस लडके के पास उसको कोई डर नही है !

लेकिन तभी वो लडका फिर गुस्से मे बोला  :-  "मैने कुछ पूछा तुमसे,क्या तुम बोल भी सकती हो कि नही...?????

लडके की ये बात सुन कर लडकी तपाक से बोली :-"" हाँ बोल सकती हूँ, लेकिन तुम इतना गुस्से से पूछो गे तो कैसे जबाब दूगी..????

लडके ने फिर लडकी को गुस्से से देखा और कहां :-"" हा मै ऐसे ही बोलता हूं बस मेरी बात का जवाब दो..!!!!

लडकी बोली :- ""मैं बता नही सकती कि वो लोग कौन है..!!!!

लडका बोला :-"" तो जाऔ फिर यहां से,मैं यहा घर में नही रहता,सि्र्फ रात को आता हूं,तुम यहां अकेली नही रह  सकती,इसलिये अपने रहने की जगह ढूंढ लो !!

लडकी ने जवाब दिया :- """मैं कहां जाऊ गी अब ? क्या मै यही नही रह सकती ?  मैं तुम्हारे कुछ काम कर सकती हूं जैसे तुम्हारा खाना बनाना तुम्हारे कपडे धोना !

लडका एक दम लडकी के पास आकर बोला :- "" मेरे काम मैं खुद करता हूं समझी तुम .....और तुम यहा नही रह सकती,कह दिया तो बस कह दिया मैने..समझी !!!!

लडकी ने लडके को इतना करीब से देखा ,उस लडके की आखैं बहुत खूबसूरत थी,लडकी ने उसकी कोई बात नही सुनी,बस उसे घूरते हुये उसमें ही खो गई थी,क्या करती बेचारी लडकी,
लडका था ही इतना सुन्दर,वो बोल गुस्से में रहा था पर पता नही क्यो ऐसा लगता था कि उस लडके का सारा गुस्सा बस उपर से है अन्दर तो एक मासूम सा लडका था !

लडकी बस लडके के बारे में सोचते हुये खो सी गई थी,तभी लडके ने उसको पकड कर हिला कर बोला :-"" तुम पागल तो नही हो ? मैं कब से तुमसे कुछ बोल रहा हू और तुम पता नही क्या सोच रही हो ?

लडकी जैसे होश में आई. हो,लडकी लडखडाती आवाज में बोली :-"" वो मैं नही जा सकती बाहर,मुझै वो लोग मार देगे,तुम मुझे अपने घर रहने दो, नही तो मैं मर जाऊगी यही,लडकी एक सांस में सब बोल गई..!!!

"""तुमने मुझे अपने घर नही रहने दिया तो मैं उनके हाथो मरने से अच्छा यही मर जाऊगी""

लडकी की बात सुन कर लडके ने लडकी को एक बाँह से पकड कर अपनी ओर खीचां और बोला :-"" अच्छा तुम मुझे अब डराओ गी कि मैने तुमको नही रखा तो मैं यही मर जाऊगी...????

लडके ने अपनी पैंट के पीछे से रिवाल्वर निकाली और लडकी के माथे पर रख दी और बोला :-"" मैने ही तुमको मार दिया तो ? इतना भरोसा मत करो मुझ पर !!

लडकी ने अपना चेहरा उपर किया,ओर बोली :-"" मार दो मुझै.. उनके हाथो से मरने से अच्छा है तुम्हारे हाथो से मरू...!!!!

लडका बोला :-"" इतना यकीन क्यो मुझ पर ,तुम मुझे जानती ही कितना हो ?

लडकी बोली :-""",मेरी आखैं धोखा खा सकती हैं लेकिन मेरा दिल कहता है कि तुम बुरे इन्सान नही हो..!!!!

लडकी की बात सुन कर लडके ने लडकी को छोड दिया और पीछे दीवार की तरफ मुहं करके खडा हो गया,ऐसा लगा जैसे वो अपने चेहरे के भाव छिपाने की कोशिश कर रहा है !!!

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