Chapter -10

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पुलिस थाना आ गया था मैं उनके साथ गाडी से उतरा और थाने के अन्दर आ गया !

सब इन्सपेक्टर अन्दर कुर्सी पर बैठा था ! हम उसके सामने जा के खडै हो गये !

वो कडकती आवाज में बोला :-"""" रीना तुम्हारी बहन थी ?

मैं उसकी बात सुन के जोर से बोला :-""" इंस्पेक्टर साहब "थी मतलब?? थी नही !! रीना मेरी बहन है वो अपने काम पर गई है आती होगी !

मै ऐसे बोले जा रहा था कि जैसे मुझै किसी अनजानी सी बुरी खबर का अन्देशा हो गया हो !

तभी वो बोला :-""" तुम्हारी बहन की डेडबाडी हमें बाली चौंक के साईड में एक नाले के पास मिली है चलो अन्दर जा कर शिनाख्त कर दो !!

मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं क्या करू और इन्स्पेक्टर की बात का क्या जवाब दूं ..!!!!!

"मेरे पैर जवाब दे गये थे मेरी हिम्मत जैसे टूट सी गई थी !!

मैं जेसे तैसे आगे बढा और अन्दर चला गया जहा बहुत सी बोडी पडी थी मुर्दाघर में...!!!

""मैं उस बौडी की तरफ बढने लगा जिस तरफ वो सिपाही ने इशारा किया था ! मेरी हिम्मत ही नही हो रही थी उस बौडी को दैखने की दिल में आ रहा था कि काश ये बौडी किसी और की हो !! यकीन ही नही आ रहा था कि मेरी रीमा के साथ ऐसा कुछ होगा भी !

"मैं बिल्कुल बोडी के पास पहुच गया था मैने बोडी को गौर से दैखा ,वो रीमा की बोडी ही थी !

मेरे पैरों के नीचे से जैसे जमीन ही खिसक गई हो .....मैं फूट फूट के रोने लग गया रोता ही रहा और बडबडाने लगा मै माँ को क्या जवाब दूगा ? वो तो रीमा का इन्तजार कर रही है !!

""तभी इन्सपेक्टर बोला :-"" तो यही है तुम्हारी बहन तुम इसका सामान लेके जा सकते हो डेडबोडी पोस्टमार्टम के लिये जायेगी !

""१मैं बस धीरे धीरे वहा से बाहर आ गया मेरे अन्दर सैलाब था दुख का जो मानने को तैयार ही नही था कि मेरी रीमा मैरी प्यारी बहन हमको छोड कर जा चुकी है !

नीति सब सुन रही थी राज की एक एक बात वो गौर से सुन रही थी ! राज की आखौं में पानी था ! नीति उसके पास सरक कर आ गई और राज के कन्धे पर अपना हाथ रख दिया !

राज ने नीति की तरफ देखा और नीति की बाँह पर अपना सर रख दिया ! नीति ने उसके सर को सहलाकर पूछा :-"" फिर क्या हुआ ?

""राज ने आगे बताना शुरू किया.....

" """मैने बाहर आ कर इन्स्पेक्टर से पूछा कि :-""" सर ये हादसा हुआ कैसे ?

मेरी बहन तो अपने काम पर गई थी तो अचानक उसकी मौत कैसे हुई ?

इंस्पेक्टर बोला :-""" ये हम अभी कैसे बता सकते है पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है ! तुम बोडी भी तभी ले जा सकते हो !

""मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या करू क्या ना करू!

बस टेबल से रीमा का सामान पडा था एक पैकेट में , मैने वो उठाया और घर की तरफ चल दिया !

तभी मेरा एक दोस्त रवी वहां बाईक ले कर आ गया और बोला :-""" यार तू कहां है ?

मैं घर गया था तो आंटी ने मुझे यहा का बता के भेजा है !

मैं रवी के गले लग के फूट फूट कर रोने लगा...:-"""यार रीमा नही रही हमारे बीच !!

""मैं ये बोल के जमीन पर घुटनो के बल बैठ गया और फूट फूट कर रोने लगा !

रवी भी मेरे साथ ही रोने लगा :-"" यार ये क्या बोल रहा है तू ऐसा कैसे हो गया एकदम से....????

""अभी दोपहर को तो मैने रीना को किसी की गाडी में जाते देखा था !

मैं एकदम से रवी की बात सुन के बोला :-" क्या तूने सच में देखा था ????

रवी:-"" हा यार कसम से !

मैने पूछा :-""" तुने गाडी में देखा था कि कौन है ? या गाडी नम्बर?

रवी :-""" नही यार !! इतना तो मैने ध्यान नही दिया क्योकि रीना को मैने उस गाडी में पहले भी आते जाते दैखा था !

"" तो तुने बताया क्यो नही मुझे वैसे तू मेरा बचपन का यार है !! मै गुस्से में रवी को बोला...!!

रवी :-""" यार देख रीमा मेरी भी बहन थी और वो एक शरीफ लडकी थी मैने जब उसे किसी गलत  नजर या शक से देखा ही नही तो मेने ज्यादा गौर भी नही किया !!

""मैने सोचा काम से ही जा रही होगी !

मेने थोडा शांत हो कर बोला :-"" कुछ याद कर यार गाडी नम्बर या और कुछ !!

रवी :-"""कोई नही यार मैं याद करता हूं ... पहले तू घर चल ! आंटी का बुरा हाल है !

मां को याद करके मैं फिर रो पडा ! यार मैं क्या जवाब दूंगा मां को ? कैसे उसकी नजरो का सामना करूगा  .........???????

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