राज बोलते बोलते अपनी आखें साफ करने लग गया !!! उसने नीति को अपने साथ हुए सारे ज़ुल्मो के बारे में बता दिया था ! उसका दिल अदर से रो रहा था लेकिन आंखों में बदले की आग धधक रही थी !!!!
नीति ने राज के सर पर अपना हाथ फेरा और बोली ";- जमींदार को उसके किए की सजा जरूर मिलेगी उसने और उसके बेटे ने तुम्हारे साथ भी बहुत बुरा किया !
राज उठ कर खडा हो गया ! तभी नीति ने उसकी बांह पकड कर बिठा दिया और बोली ;-" पूरी रात बीत गई सुबह होने वाली है तुमने एक मिनट भी अपनी आंख बन्द नही की है तुम थोडा लेट लो !!
राज ने नीति की तरफ देखा ,नीति की सूनी आखों में बहुत सारा प्यार था ,ऐसा लग रहा था जैसे नीति उसका सारा दर्द खुद में छिपा लेना चाहती थी !!!
लेकिन राज नीति की इसी प्यार से डर जाता था और नजरे चुराने लग जाता था !! क्योंकि उसके दिल में एक डर था कि कही नीति का प्यार उसे कमजोर ना बना दे !!!
राज नीति का हाथ छुड़ा के कुर्सी पर जा के बैठ गया !!!
नीति समझ गई थी कि राज उससे नजरे क्यो चुराता है क्यों राज उसकी आंखो में आंखे डाल कर नही देखता क्योकि वो नीति को खोने से डरता है !!
नीति भी मन ही मन सोच चुकी थी कि राज का साथ कभी नही छोड़ेगी ,चाहे जीना हो या मरना वो राज का साथ देगी !!
नीति बस राज के बारे में सोच ही रही थी कि बाहर के दरवाजे पर कुछ आवाज आई !!!!!
राज एकदम से अपनी गन हाथ मे ले कर दुसरी गन अपनी पैंट के पीछे फसा कर खडा हो गया और कमरे की दीवार के साथ साथ सरक सरक कर दरवाजे तक पहुंच गया और नीचे जाती हुई सीढियो से बाहर के दरवाजे की ओर देखने लग गया और पीछे सहमी सी खडी नीति से बोला"";- मेरे पीछे ही रहना !!!!
नीति फटाफट तेजी से राज के पीछे उसकी पीठ से चिपक गई !!!
नीति इतनी तेजी से राज की पीठ पर चिपकी की राज भी हिल गया और गन आगे कर के अपनी गरदन घुमा कर उसने नीति की ओर देखा जो अपना मुंह उसकी पीठ में छुपा कर आखों से राज के चेहरे को देख रही थी !!
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अंत
Mystery / Thriller"नमन;-" वैसे तेरी बहन थी बहुत मजेदार... बहुत मज़ा करवाया उसने मुझे..साली खुद ही कपड़े उतार देती थी.. अपना एक एक अंग दिखा दिखा कर कपड़े उतारती थी कि एक नशा सा हो जाता था मुझे..साली रोज़ चूस चूस कर मांगती थी.."" राज़;-" साले हरामजादे!!! हाथ खोल मेरे...