उस बारीश की गीली बूंदों को!
अपने दिल में उतरते ,
उन अज़ीज़ यादों को!कभी महसूस किया हैं ?
उस बारीश के भीगे हुए लम्हों को !
लव्ज़ों पर थमी हुई ,
उन बेबाक रातों को !कभी महसूस किया हैं ?
बादलों की आड़ में ढलती हुई चांदनी को ?
उन नमकीन अश्कों में
घुले मीठे वादों को!कभी महसूस किया हैं ?
उस बारीश की गीली बूंदों को!
वरक़ पर चढ़ी उस हसींन
ओस के कतरे को !कभी महसूस किया हैं ?
उस पर अपने सीधी सी हयात के
उन उलझे से हिकायतों को ?कभी महसूस किया हैं ?
******
***
*
आप पढ़ रहे हैं
Syaahi !
Poetry#Ranked 2 in wattycontest Collection of Hindi poetry and shayaris! words and language, feelings or emotions said or unsaid better inked ! Emotions inked into words ! hope you like my collection of Hindi poetries !