कुछ एहसास छिपी थी उन आखों में,
अश्को से होते हुए न जाने कब
दिल में उतर गई!इन एहसासों में छिपी दर्द भी अब ,
अश्को को यो सूखा कर गई!पल भर और अब इन एहसासों की डोर
थाम न पाएंगी यह आखें !
अश्कों में भी अब दर्द न ढून्ढ पाएंगी यह आखें!कुछ एहसास छिपी थी उन आखों में,
अश्को से होते हुए न जाने कब
दिल में उतर गई!अश्को में रहकर यो अश्को से
न चाहते हुए भी वफ़ा कर गई !*******************************
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Syaahi !
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