काँच सा है दिल मेरा
यूँ तोड़ो न उसे,रेत के ढेर के भाती
यूँ पीछे छोड़ो न मुझे,अपनों सा एहसास है तुमसे
यूँ पास आए हो!रिश्ता बड़ा ही नाजुक सा है यह
यूं खुद से दूर कर,गम के रंग में रंगो न इसे!
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Syaahi !
Poetry#Ranked 2 in wattycontest Collection of Hindi poetry and shayaris! words and language, feelings or emotions said or unsaid better inked ! Emotions inked into words ! hope you like my collection of Hindi poetries !
33. काँच
काँच सा है दिल मेरा
यूँ तोड़ो न उसे,रेत के ढेर के भाती
यूँ पीछे छोड़ो न मुझे,अपनों सा एहसास है तुमसे
यूँ पास आए हो!रिश्ता बड़ा ही नाजुक सा है यह
यूं खुद से दूर कर,गम के रंग में रंगो न इसे!