21. गीली हसी

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तेरे गीली हसी के इस डेरे में ,
दिल हमारा हार गए!

तेरे मुस्कान के इस पेहेरे में ,
गम हमारा भूल गए !

तेरे आखों के इस झील में ,
लव्ज़ हमारे खो गए !

तेरे मासूम सी नज़र के जाल में ,
हम खुद ही तुमको सौप गए !

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