अर्जुन बाजार में मधु के साथ घूम रहा था। फल विक्रेता, लकड़ी के खिलौने बेचने वाले, कपड़ा बेचने वाले आदि सब थे किंतु सभी दुकान के मालिक अजीब थे। उनमें से कोई भी उन्हें बेचने का प्रयास नहीं कर रहा था। शाही कपड़े और गहने पहने होने के बावजूद उन्होंने उनकी तरफ देखा तक नहीं।
"राजकुमार, मुझे लगता है कि कुछ अजीब है। क्या आपको ऐसा नहीं लगता?" मधु ने अर्जुन के करीब चलते हुए पूछा। वह असुरक्षित महसूस कर रही थी।
"मधु, भयभीत ना हो। मैं हूँ ना।" अर्जुन ने कहा। कहीं ना कहीं उसके ह्रदय में भी भय था। यही कारण है कि उसने सतर्कता में कमी नहीं आने दी। वह जानता था कि वह ऐसी जगह पर भरोसा नहीं कर सकता।
तभी अचानक किसी ने उसे पीछे की ओर से पैर से खींच लिया।
"राजकुमार!" मधु चीख पड़ी।
वहीं, इंद्रजीत जिस व्यक्ति का पीछा कर रहा था, उसने भी उस पर हमला कर दिया था। वह अपनी तलवार से उससे युद्ध कर रहा था। काले कपड़े वाला आदमी तलवार चलाने में माहिर निकला। यदि लव ना होता तो इंद्रजीत को हानि पहुँच सकती थी। लव पत्थरबाजी में अच्छा था। जब वह हमलावर इंद्रजीत पर हमला करने के लिए उसकी ओर बढ़ा, तभी लव ने हमलावर के सिर पर निशाना साधा और सीधे उसके सिर पर वार किया। वह व्यक्ती पीड़ा में नीचे गिर गया।
"बताओ तुम कौन हो?" इतना कहकर इंद्रजीत ने उसके चेहरे से कपड़ा हटा दिया। वह एक जवान लड़का था। उम्र में लव जितना ही प्रतीत होता था। बस उससे कद में थोड़ा लंबा।
युवा लड़के ने तुरंत अपना चेहरा ढक लिया।
"इसका कोई फायदा नहीं। हम तुम्हारा चेहरा देख चुके हैं। अब हमें उत्तर दो कि तुम कौन हो और कहां से आए हो? क्या किसी ने तुम्हें भेजा है?" इंद्रजीत ने पूछा। उसकी तलवार नौजवान की ओर निशाना साधे हुए थी। लड़के ने कोई जवाब नहीं दिया।
"मुझे मार डालो।" लड़के ने अंततः कठोर शब्द कहने के लिए अपना मुँह खोला।
"हम तुम्हें नहीं मारेंगे।" लव ने कहा। उसने चिंता सहित इंद्रजीत की ओर देखा। "राजकुमार?"
इंद्रजीत ने अपनी आँखें बंद की, और सिर हिलाया। उसने अपनी तलवार वापस म्यान में डाल दी, "जब तक तुम हमारी सहायता करोगे, हम तुम्हें कुछ नहीं करेंगे।" उसने कहा।
लड़के को खड़ा होने में सहायता करने के लिए लव ने अपना हाथ आगे बढ़ाया। लड़के ने उसका हाथ पकड़ लिया और खड़ा हो गया। ''आपको किस सहायता की ज़रूरत है?'' उसने पूछा। वह निडर लग रहा था।
"हम चाहते हैं कि तुम हमें इस अजीब जगह के बारे में बताओ।" इंद्रजीत ने उत्तर दिया।
"इस जगह के बारे में ऐसा क्या है जो आप जानना चाहते हैं?" लड़के ने पूछा।
"हम विशेष रूप से बिना सिर वाली चुड़ैल के बारे में जानना चाहेंगे।" लव ने उत्तर दिया।
लड़के ने तुरन्त उसकी ओर देखा, "आप उसके बारे में क्यों जानना चाहते हो?" उसने पूछा। वह एकाएक ध्यानमग्न लग रहा था।
"हम इस गाँव के लोगों की सहायता के लिए आए हैं।" लव ने उत्तर दिया। "किन्तु यहां के लोग अजीब हैं।"
"लोग..." लड़के ने आकाश की ओर देखा और लंबी आहे भरी। वहाँ चीलें थीं, "वे सब मर चुके हैं।"
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BL - क्षत्रिय धर्म सर्वप्रथम (Duty Always First)
Romanceस्वर्णलोक के राजकुमार, इंद्रजीत के लिए उसका कर्तव्य ही सर्वप्रथम है। राजा के आदेश पर अंबुझ राज्य के राजकुमार, अर्जुन उसे जीवन को खुलके जीना सिखाने की कोशिश करता है। क्या अर्जुन अपने इस नए इम्तिहान में सफल हो पाएगा ? क्या इंद्रजीत जीवन के इस नए रूख...