इंतजार बहुत दुखदाई शब्द लगता है,
लेकिन इस धरा पर,
कोई ऐसा इंसान नही,
जिसने कभी किसी का इंतजार न किया हो,
किसी की बाट न जोही हो,
नही है ऐसा कोई इंसान,
जिसने बिना इंतजार के,
अपनी जिंदगी जी हो,
इंतजार एक ऐसा शब्द है,
जो सभी की जिंदगी में बहुत महत्व रखता है,
हर किसी की जिंदगी में,
हर उम्र के लोगों में,
हर पेशे के लोगों में,
बूढ़ा भी इंतजार करता है,
बच्चा भी इंतजार करता है,
राजा भी इंतजार करता है,
रंक भी इंतजार करता है,
बूढ़ा अपने पुत्रों के पश्चात,
पोतों के बड़े होने का,
बड़े होने पर रोजगार पाने का,
रोजगार के पश्चात,
उनके विवाह का इंतजार करता रहता है,
बच्चा बड़े होने का,
अकेला बाहर घूमने जाने का,
इंतजार करता रहता है,
राजा अपने शत्रुओं के विनाश का,
प्रजा के कल्याण का,
युवराज के राजा बनने का,
इंतजार करता रहता है,
रंक अपना समय बदलने का,
मुख्य धारा में शामिल होने का,
इंतजार करता रहता है,
पेशेवर लोग अपने पेशे में ख्याति अर्जित करने का,
हस्तसिद्घ होने का,
सदा इंतजार करते रहते हैं,
पैदल राहगीर किसी वाहन का,
यात्री मंजिल का,
इंतजार करते रहते हैं,
ये इंतजार सदा चलता रहता है,
क्योंकि एक इंतजार की समाप्ति के उपरांत,
दुसरा किसी चीज का इंतज़ार,
प्रारंभ हो जाता है,
कभी-कभी तो ऐसा समय भी आता है,
एक-एक व्यक्ति को,
एक से अधिक इंतजार रहते हैं,
अतः इंतज़ार सतत् है,
शाश्वत है।
-अरुण कुमार कश्यप
30/08/2024
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सूरज फिर निकलेगा
Poetryहेलो दोस्तों!मेरा नाम अरुण कुमार कश्यप है।यह मेरा एक स्वरचित कविता-संग्रह है।इसके माध्यम से मैं आपके सामने जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कविताएँ,गीत और गजल आदि स्वरचित रचनाएं प्रस्तुत कर रहा हूँ। Copyright-सर्वाधिकार सुरक्षित 2024/अरु...