भारत एक लोकतांत्रिक देश है,
इसमें बहुत से राजनीतिक दल,
उठाते हैं जनता की आवाज,
विभिन्न जातियों-वर्गों और धर्मों के लोग,
स्थानों-भाषाओं और बोलियों के लोग,
समर्थन करते रहते हैं,
अपने हक की आवाज उठाने वाले दलों को,
पिछड़े-दलित-आदिवासी और अल्पसंख्यक,
सदा प्रयास करते रहते हैं,
उनका दल सत्तासीन रहे,
और उनका शोषण होना बंद हो,
वे बिना किसी प्रतिबंध के,
अपने मूल अधिकारों को प्राप्त कर सकें,
इन्हीं आकांक्षाओं की पूर्ति हेतु,
अपने मनपसंद दल को चुनते हैं,
धराशायी कर डालते हैं सत्ताधारी दल को,
प्रत्येक आने वाले नव सत्ताधारी दल से,
आशा करते हैं अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति की,
ये भारतवर्ष है,
यहाँ पुराने दल जाते रहते हैं,
नये दल आते रहते हैं,
और लोग महत्वकांक्षी बने रहते हैं,
जाने वाला प्रत्येक दल कभी नया था,
और आने वाला दल भी कभी पुराना था,
इस महत्वकांक्षी भारत में,
ऐसा सत्ता परिवर्तन सदा ही बना रहता है।
-अरुण कुमार कश्यप
27/09/2024
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सूरज फिर निकलेगा
Poesieहेलो दोस्तों!मेरा नाम अरुण कुमार कश्यप है।यह मेरा एक स्वरचित कविता-संग्रह है।इसके माध्यम से मैं आपके सामने जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कविताएँ,गीत और गजल आदि स्वरचित रचनाएं प्रस्तुत कर रहा हूँ। Copyright-सर्वाधिकार सुरक्षित 2024/अरु...