दुनिया में हर इंसान के भीतर एक नशा है,
बहुत तरह का नशा
जो पद का भी होता है,
ज्ञान का भी होता है,
दोलत का भी होता है।
और यह सब मिल कर
अंदर शराब बन जाती है,
और आदमी नशे में
अकड़कर ही हर किसी से बात करता है
यह अकड़ अगर है,
तो परमात्मा से कभी मिलन नही होगा।
और जब परमात्मा से मिलन हुआ तो
तो क्षण भर की अकड़ भी बह जाती है।
और उस अकड़ के निकलते ही
तुम्हारे भीतर परमात्मा ही शेष रह जाता है।
हर तरह के विकारों की लहरें खो जाती हैं
और तुम्हारे अंदर परमात्मा रूपी सागर ही बचता है सिर्फ...✍Jaswinder chahal
14/1/2024
आप पढ़ रहे हैं
Navigating Life tapestry : through quotes शब्द
Poetryज़िंदगी की भाग दौड़ में आज किसी के पास वक़त नही है मगर कभी जब हम अकेले होते है और हमें अकेलापन खाने लगता है तब हमारे दिल में अनेको विचारों का जन्म होता है, जो हमें हालात से लड़ने की प्रेरणा देते है और यह विचार हमारे नही हमसब के अंदर बसने वाली उस...