अक्सर एक बात ज़िन्दगी की मुझे कभी
रास नहीं आई
खुशियां ज़्यादा देर मेरे पास नहीं आई
जब से गुज़ारने लगा हूँ तेरी याद में रात तन्हा
मुझे ख़ुद की याद कुछ खास नहीं आई
गुज़रा करीब से जब कभी हवा का झोंका
तब दे गया,
उसकी खुशबू के बगैर जैसे सांस नहीं आई
करीब और करीब जब से आई है वो मेरे,
दूरिया भी मुझसे कुछ खास दूर नहीं आई
ये सृष्टि भी बेखबर नहीं हमारे अनमोल रिश्ते से
इसलिए शायद चाँद को भी चाँदनी के बिना नींद रास नहीं आई...✍Jaswinder chahal
11/2/2024
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Navigating Life tapestry : through quotes शब्द
Şiirज़िंदगी की भाग दौड़ में आज किसी के पास वक़त नही है मगर कभी जब हम अकेले होते है और हमें अकेलापन खाने लगता है तब हमारे दिल में अनेको विचारों का जन्म होता है, जो हमें हालात से लड़ने की प्रेरणा देते है और यह विचार हमारे नही हमसब के अंदर बसने वाली उस...