फ़ैसला...

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इन फ़ासलों का फ़ैसला आसान नहीं था
कौन कहता है,यह दिल परेशान नहीं था
बहुत आँसू छिपें थे मेरी ख़ामोशी के पीछे
कौन कहता है, मेरे दर्द का निशान नहीं था
ख़्वाब देखा था उम्र भर साथ साथ का
कौन कहता है, मेरा कोई अरमान नहीं था
ख़त्म हो गई ज़िंदगी देखते ही सामने मेरी
कौन कहता है, मेरा कोई नुक़सान नहीं था...✍

Jaswinder chahal
25/8/2024

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