इक उमर के अंतराल के बाद अक्सर इंसान
पिछे मुड़ कर जरूर देखता है
क्यू कि बड़ी लम्बी यात्रा है जीवन और उत्तरदायित्वों की,
क्या पार किया, क्यू किया,
कितना किया, कितना नहीं किया,
इसका जोड़ घटाव तो बड़ा मुश्किल है
दिन ब दिन उभरती थकान भी है
चलो दिल कहता है अक्सर मुझे
कुछ पल यादों में गुजारने दो
और आगे बढ़ने की ख़ुराक लेने दो...✍Jaswinder chahal
11/2/2024
आप पढ़ रहे हैं
Navigating Life tapestry : through quotes शब्द
Поэзияज़िंदगी की भाग दौड़ में आज किसी के पास वक़त नही है मगर कभी जब हम अकेले होते है और हमें अकेलापन खाने लगता है तब हमारे दिल में अनेको विचारों का जन्म होता है, जो हमें हालात से लड़ने की प्रेरणा देते है और यह विचार हमारे नही हमसब के अंदर बसने वाली उस...