कहना...

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जिस तरह की यह दुनिया है
अगर तुम को रास आए तो कहना
ना तुम अपना सिर पत्थर से टकराए
तो कहना
अब तो ये फूल काग़ज़ हैं,
और ये ज़ेवर हैं पीतल
समझ में जब ये बात आ जाए तो कहना
बहुत ख़ुश हो कि उस ने कुछ कहा है
हा कह कर वो मुकर जाए तो कहना
बदल जाओगे दोस्त तुम ग़म सुन के मेरे
कभी कभी दिल ग़म से घबराए तो कहना
कलह का धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है
वो धीरे धीरे पूरे शहर पर छा जाए
तो कहना...✍

Jaswinder chahal
21/6/2024

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